उज्जैन। अपात्र लोगों के गरीबी रेखा के राशन कार्ड का सर्वे किया गया और सर्वे में कई हजार फर्जी राशन कार्ड पाए गए लेकिन उन्हें अभी तक बंद नहीं किया गया है एसडीएम कोर्ट और अपील में मामला उलझा पड़ा है। उज्जैन जिले में गरीबी रेखा के बीपीएल राशन कार्ड कई अपात्र लोगों के बन गए थे। इन अपात्र लोगों के राशन कार्ड बंद करने के लिए शासन ने शहर के सभी वार्डों में सर्वे कराया था। इस सर्वे में 21000 से अधिक लोग जो अपात्र दे दिल के पास रहने के लिए तीन चार मंजिला घर और दोपहिया वाहन थे। ऐसे लोगों के कार्ड बन गए इन सब फर्जी अपात्र राशन कार्ड धारियों के राशन बंद करने की अनुशंसा संबंधित सर्वे दलों ने की थी। एसडीएम संजीव साहू की कोर्ट में कई दिनों तक मामला चला।
अपात्र राशन कार्ड धारियों के बयान भी हुए लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक एक भी अपात्र राशन कार्ड बंद नहीं हुआ है। पूरा मामला अपील में उलझ गया है और इसके बाद नगर निगम के चुनाव आ गए और अपात्र राशन कार्ड धारियों पर कार्रवाई धरी की धरी रह गई। अब नगर निगम का बोर्ड बन चुका है लेकिन इन कार्ड को बंद करने का खतरा कोई भी राजनीतिक दल नहीं उठाएगा, क्योंकि 2023 नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और यदि एकतरफा अपात्र के राशन कार्ड बंद करेंगे तो हल्ला मच जाएगा और राजनीतिक दलों का वोट बैंक खिसक जाएगा। इसी के चलते यह कार्रवाई अब बंद सी हो गई है फिर वही काम चलेगा और मुफ्त का अनाज गरीब लोगों के साथ-साथ सक्षम लोग भी खाएँगे।
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