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    राजधानी में जमीनों के रेट 15 फीसदी तक बढऩा तय

  • February 14, 2021

    • भोपाल में वर्ष 2021-22 की कलेक्टर गाइडलाइन बनाने की चल रही तैयारी
    • उप जिला मूल्यांकन समिति की बैठक कल

    भोपाल। कोरोना काल में जमीनों के दाम बढऩे के बजाय घटे हैं, लोग सस्ती कीमतों में जमीनों के सौदे कर रहे हैं। बावजूद इसके भोपाल में 150 से अधिक क्षेत्र व कॉलोनियां सामने आई हैं जहां पर गाइडलाइन से हायर वैल्यू (अधिक कीमत) पर रजिस्ट्रियां हुई हैं। संपदा ई-पंजीयन ने भोपाल के ऐसे क्षेत्रों की सूची जिला पंजीयन कार्यालय को भेजते हुए, उसकी सूक्ष्मता से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर उप जिला मूल्यांकन समिति की बैठक 15 फरवरी को आयोजित की जाएगी। इधर सब रजिस्ट्रारों ने जब सूची को खंगाला तो इसमें करीब 47 से अधिक क्षेत्र ऐसे सामने आए हैं जिनमें गाइडलाइन से डेढ़ से दोगुने दामों में रजिस्ट्रियां हुई हैं। अब सबरजिस्ट्रार महंगे दामों पर रजिस्ट्रियों का परीक्षण करने में जुटे हुए हैं, आखिर हायर वैल्यू पर रजिस्ट्री कराने के पीछे कारण क्या है? अधिकारियों ने चार क्षेत्रों की रजिस्ट्रियों को अलग निकाल लिया है और वह मौके पर जाकर वहां पर जमीनों की कीमतों से लेकर अधिक कीमत पर रजिस्ट्री क्यों हुई, उसका सूक्ष्मता से परीक्षण करेंगे। दरअसल बीते दिनों ही संपदा ई-पंजीयन कार्यालय ने जिला पंजीयक को निर्देशित किया है कि वे वर्ष 2021-22 की नई कलेक्टर गाइडलाइन बनाने से पहले हायर वैल्यू में हुई रजिस्ट्रियों की जांच कर कारण सहित रिपोर्ट तैयार करें, ताकि जमीनों के रेट बढ़ाने में दिक्कतें न हों। इधर वर्ष 2021-22 की प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन को लेकर उप जिला मूल्यांकन समिति की अगली बैठक अब आगामी तीन दिन बाद ही होगी।

    तीसरी बार संशोधित हो रही है प्रस्तावित गाइडलाइन
    राजधानी के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे गांव जहां पर तेजी से कॉलोनियों विकसित हो रही हैं, उन क्षेत्रों में जमीनों के रेट 5 से 25 फीसदी बढ़ाए जाने का प्रस्ताव उप जिला मूल्यांकन समिति ने 6 फरवरी तक तैयार कर लिया था। ऐसे क्षेत्रों व कॉलोनियों की संख्या 50 से अधिक सामने आई थीं, जहां पर बढ़ाए जाने वाले रेट भी फायनल कर लिए गए थे। 8 फरवरी को होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव का मंजूरी मिलनी थी, लेकिन यह बैठक नहीं हो सकी। इसी बीच संपदा ई-पंजीयन कार्यालय से गाइडलाइन से हायर वैल्यू पर हुई रजिस्ट्रियों की सूक्ष्मता से जांच करने के निर्देश दे डाले। जनवरी के बाद यह तीसरा मौका है जब फिर से प्रस्तावित गाइडलाइन में संशोधन किया जा रहा है।

    मेट्रो और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के दायरे की जमीनों के नहीं बढ़ेंगे रेट
    मेट्रो और स्मार्ट सिटी ही नहीं बल्कि अन्य सरकारी प्रोजेक्टों के दायरे में आ रही जमीनों के रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे। जहां पर जमीनें आरक्षित और अधिगृहीत होनी हैं। हालांकि उसके आसपास की कॉलोनियों के रेट बढ़ाए जा सकते हैं।

    हायर वैल्यू पर होने वाली रजिस्ट्रियों के पीछे यह है कारण

    • बिल्डर कृषि भूमि पर प्लॉट काटकर कॉलोनियां विकसित कर रहे हैं। यहां पर प्लॉट के रेट जमीन के मूल्य से अधिक रखे जाते हैं।
    • कृषि भूमि के रेट हेक्टेयर में होते हैं, जबकि कॉलोनाईजर प्लॉट काटकर वर्गफीट में जमीन बेचते हैं।
    • कॉलोनाईजर कॉलोनियों के जमीन की मूल कीमत से रेट अधिक रख रहे हैं।
    • बैंक से अधिक लोन पाने के लिए लोग हायर वैल्यू पर रजिस्ट्री करा रहे हैं।
    • किसी को कम तो किसी को ज्यादा कीमत प्लॉट बेंचकर रजिस्ट्री कराई जा रही है।

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