- कई कॉलोनियों में अभी तक नहीं आई बिजली
भोपाल। राजधानी में आज बारिश की झड़ी भले ही बंद हो गई है, लेकिन कई क्षेत्रों के घरों में अभी भी पानी भरा पड़ा है। यही नहीं कई क्षेत्रों में रविवार रात से गुल हुई बिजली अभी तक बहाल नहीं हुई है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश राजधानी भोपाल में हुई। यहां लगातार दो दिनों तक पानी गिरा। 16 साल बाद भोपाल में अगस्त में 1 दिन में सबसे ज्यादा बारिश का रिकार्ड टूटा। 2006 में 14 अगस्त को 24 घंटे में 11.66 इंच बारिश हुई थी। सीजन में अब तक 66.50 इंच बारिश के साथ ही 2016 की बारिश का 56.58 इंच का रिकॉर्ड 24 घंटे पहले ही टूट चुका था। मंगलवार को बारिश तेज हुई तो 2006 में 67.45 इंच बारिश का रिकॉर्ड भी टूट सकता है। यह सीजन के कोटे की 42 इंच बारिश से 23 इंच ज्यादा है। इसने अगले मानसून सीजन की भी आधी जरूरत पूरी कर दी है। पानी में क्रूज के डूबने से मेंटेनेंस वर्क और सैलानियों की सुरक्षा के मद्देनजर मंगलवार को बोट क्लब बंद रखा गया है। यहां बोटिंग भी नहीं करवाई जाएगी।
इस कारण पूरे शहर के हालात बिगड़ गए। मंगलवार सुबह तक बारिश का दौर चला। इस बीच बारिश के कारण बर्बादी का मंजर भी देखने को मिला है। सड़कों पर दो फीट तक गहरे गड्ढे हो गए हैं। वहीं, अभी भी कई इलाके जलमग्न है। मुक्तिधामों के भी हाल बेहाल रहे। यहां दो फीट पानी के बीच अंतिम संस्कार किया गया। सुभाष नगर मुक्तिधाम में 17 और छोला विश्रामघाट पर 7 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इंडस एम्पायर एरिए में पानी उतर रहा है। ऐसे में लोग अब घरों में लौटेंगे। हालांकि, जलभराव ने उनका बड़ा नुकसान कर दिया।
इधर, भोपाल के बंदौरी गांव में 7 लोग बाढ़ में फंस गए। सोमवार को अंधेरा होने की वजह से उनका रेस्क्यू रोक दिया गया था। मंगलवार को टीम उन्हें पानी से निकालने की कोशिश में जुटी है। इन 7 लोगों में 3 बच्चे हैं। चूंकि, वे सुरक्षित हैं और रेस्क्यू टीम उनके साथ है। इसलिए रात में रेस्क्यू नहीं करने फैसला लिया गया था। दामखेड़ा और सर्मधा टोला के निचले इलाकों में कलियासोत नदी का पानी भरने से करीब 200 लोगों को स्कूलों में शिफ्ट किया गया है। कलियासोत, केरवा और भदभदा डैम अभी भी ओवरफ्लो चल रहे हैं।