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    चौकड़ी ने मारा छक्का, सातवें आसमान पर पहुंच गया इंदौर का रुतबा

  • October 02, 2022

    • मोदीजी के मिशन को इंदौर की जनता ने ही बनाया जन-जन का आंदोलन, अब राष्ट्रपति ने भी देश के सभी शहरों को इस मॉडल को अपनाने की दी सलाह

    इंदौर, राजेश ज्वेल। अग्निबाण ने ही सबसे पहले खुलासा कर दिया था कि इस बार भी स्वच्छता का गगनभेदी छक्का तालकटोरा स्टेडियम से इंदौर ही मारेगा। इतना ही नहीं, पहली मर्तबा सेवन स्टार रेटिंग वाला शहर भी घोषित होगा। कल जैसे ही 5 बजे स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 की घोषणा के तहत इंदौर को छठी बार नम्बर वन के अवॉर्ड की घोषणा की गई, उसी के साथ पूरे शहर में जश्न मनाने का सिलसिला शुरू हो गया। इतना ही नहीं, रात को तमाम गरबा पंडालों में भी निगम द्वारा लॉन्च किया गया नया गाना बजा और उस पर भी सफाई मित्रों के सम्मान के साथ गरबाप्रेमियों ने प्रस्तुति दी। इंदौर का रुतबा अब स्वच्छता के मामले में सातवें आसमान पर पहुंच गया है, जिसका श्रेय उस चौकड़ी को जाता है, जिसकी बदौलत इंदौर ने कभी न टूटने वाला यह कीर्तिमान रच डाला है।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 2015 में स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की और सभी शहरों के बीच इसकी प्रतिस्पर्धा शुरू करवाई, तब पहले साल भले ही मैसूर ने बाजी मारी हो, मगर स्वच्छता का असल पाठ पूरे देश को इंदौर ने सिखाया और अब कहा जाए तो इस क्षेत्र का वह सबसे बड़ा गुरु भी बन चुका है, जिससे गुर सीखने अब देशभर के नगरीय निकायों के अफसर-जनप्रतिनिधि इंदौर आते रहते हैं। राष्ट्रपति ने भी कल अवॉर्ड देने के बाद अन्य शहरों को इंदौर के मॉडल को ही अपनाने की सलाह दी।

    मोदीजी के स्वच्छ भारत मिशन को इंदौर ने एक बड़ी चुनौती के रूप में लिया और इसे मूर्तरूप दिया तत्कालीन निगमायुक्त मनीषसिंह ने, जब उन्होंने 2016 में निगम का जिम्मा संभाला और फिर चौंकाने वाला फैसला किया कि शहरभर में लगी कचरे की तमाम बड़ी-बड़ी पेटियां हटवाई जाएंगी और घर-घर से निगम के वाहन कचरा संग्रहित करेंगे। फिर आवारा पशु सहित अन्य गंदगी को भी शहर से बाहर खदेडऩे की चुनौती मनीषसिंह ने संभाली। सफाईकर्मियों और उनके नेताओं को विश्वास में लेने के बाद मनीषसिंह ने तमाम जनप्रतिनिधियों को भी इस बारे में प्रेरित करना शुरू किया और तत्कालीन महापौर मालिनी गौड़ ने भी उनका भरपूर साथ दिया और इंदौर ने 2017 में नम्बर वन की पोजिशन हासिल कर ली। इंदौर को नम्बर वन का यह पहला अवॉर्ड मिला। उसके बाद फिर इंदौर ने पीछे मुडक़र नहीं देखा। अगले साल 2018 में भी मालिनी-मनीष की जोड़ी ने लगातार दूसरी बार नम्बर वन का अवॉर्ड हासिल कर लिया।


    उसके बाद आशीष सिंह निगमायुक्त के रूप में इंदौर पदस्थ हुए। उन्होंने भी महापौर को साथ लेकर 2019 और फिर 2020 में भी तीसरी और चौथी मर्तबा इंदौर को नम्बर वन का अवॉर्ड दिलवाया। इसके बाद निगमायुक्त के रूप में प्रतिभा पाल की पदस्थापना हुई। उनके लिए भी यह सबसे बड़ी चुनौती थी कि इंदौर हर हाल में नम्बर वन ही रहे, मगर उस दौरान इंदौर सहित पूरे देश में कोरोना का कहर शुरू हो गया। बावजूद इसके नगर निगम की टीम ने मैदान नहीं छोड़ा और कोरोना के साथ-साथ स्वच्छता की चुनौती भी स्वीकार की। नतीजतन 2021 में इंदौर पांचवीं मर्तबा नम्बर वन बन गया और आयुक्त के रूप में प्रतिभा पाल की झोली में भी पहला अवॉर्ड आया। फिर हल्ला शुरू हुआ छक्का मारने का, लेकिन तत्कालीन प्रशासक के रूप में संभागायुक्त डॉ. पवनकुमार शर्मा का यह बयान भी आया कि अब इंदौर को इस प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाना चाहिए, क्योंकि वह पांच बार लगातार नम्बर वन रह चुका है। मगर चूंकि मुख्यमंत्री ने ही घोषणा कर दी थी, लिहाजा नगर निगम ने भी इसे पुन: चुनौती के रूप में लिया और आयुक्त प्रतिभा पाल ने भी ठान लिया कि उनके कार्यकाल का दूसरा अवॉर्ड भी लाना ही है। नतीजतन प्रतिभा पाल ने भी मैदान पकड़ा और नाला टेपिंग से लेकर स्वच्छता की नई गाइड लाइन के मुताबिक कई नए आयाम स्थापित किए। नतीजतन कल छठी बार इंदौर ने नम्बर वन का अवॉर्ड तो हासिल किया ही, वहीं सेवन स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाला भी देश का पहला शहर बन गया।

    खुटका था गुजरात चुनाव के चलते सूरत को न दे डालें अवॉर्ड
    इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों को लेकर अत्यधिक गोपनीयता बरती गई। हालांकि नगर निगम की टीम को दिल्ली पहुंचने की सूचना पहले ही दे दी गई थी, जिसके चलते एक दिन पहले ही महापौर, आयुक्त सहित अन्य अधिकारी पहुंच भी गए। मगर ड्राय रन भी उस तरह से नहीं हुआ जैसा कि अपेक्षित था। दूसरी तरफ एक खुटका यह भी था कि कहीं गुजरात चुनाव के चलते इंदौर से कड़ी प्रतिस्पर्धा कर रहे और नम्बर दो पर आए सूरत को कहीं अवॉर्ड न दे दिया जाए, लेकिन इंदौर निगम ने सर्वेक्षण के हर मापदंड पर इतनी कड़ी मेहनत की कि जिसका मुकाबला फिलहाल अन्य कोई शहर नहीं कर पा रहा है। हालांकि सूरत भी लगातार तीन बार दूसरे स्थान पर रहा है। अभी गुजरात में विधानसभा के चुनाव होना हैं, जिसके चलते मोदी सरकार धड़ाधड़ घोषणाएं करने में जुटी है और 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन भी तीन महीने के लिए और बांटा जा रहा है। वहीं अवॉर्ड की घोषणा से एक दिन पहले यह सुगबुगाहट भी शुरू हो गई कि कहीं सूरत को नम्बर वन शहर घोषित न कर दिया जाए, ताकि गुजरात चुनाव में इसे भी भुनाया जा सके। मगर चूंकि इंदौर निगम ने सिर्फ कचरा संग्रहण ही नहीं, बल्कि उसके निपटान की जो पद्धति अपनाई है और कई नवाचार किए, उसकी तोड़ किसी अन्य शहर के पास फिलहाल है ही नहीं। हालांकि निगमायुक्त सहित सभी आश्वस्त थे कि नम्बर वन के पायदान पर इंदौर ही रहेगा, मगर फिर भी परिणामों की घोषणा तक धडक़नें तेज रहीं और जैसे ही सूरत को नम्बर दो घोषित किया वैसे ही तय हो गया कि इंदौर ने छक्का मार दिया है।

    राजबाड़ा पर मनेगा जश्न, भव्य आतिशबाजी
    स्वच्छता का अवॉर्ड लेकर आज शाम शहर लौट रहे कलेक्टर, कमिश्नर और महापौर के साथ-साथ कई आला अधिकारी एयरपोर्ट से राजबाड़ा तक जुलूस के रूप में पहुंचेंगे। रास्तेभर अनेक रहवासियों,सगंठनों और व्यापारिक संघों द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा। राजबाड़ा पर जश्न मनाने के साथ-साथ भव्य आतिशबाजी होगी। आज शाम 4 बजे दिल्ली से स्वच्छता का अवॉर्ड लेकर संभागायुक्त पवन शर्मा, कलेक्टर मनीषसिंह, निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल, पूर्व अपर आयुक्त संदीप सोनी, अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा, अनूप गोयल सहित कई अन्य अधिकारी इंदौर एयरपोर्ट आएंगे। वहां से जुलूस के रूप में बड़ा गणपति और राजमोहल्ला चौराहा, जवाहर मार्ग गुरुद्वारा होते हुए राजबाड़ा पहुंचेंगे।

    रथ में आएंगे सफलतावीर…
    एयरपोर्ट से राजबाडा तक जगह -जगह जुलूस का स्वागत करने की तैयारियां चल रही है… इसी रथ में बैठकर पूरी टीम राजबाड़ा पहुंचेगी, जहां जमकर आतिशबाजी का दौर चलेगा और जश्न मनेगा। रथ को आकर्षक स्वरूप प्रदान किया गया है, वहीं गुब्बारों और फूलों से भी रथ को सजाया गया है।

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