डेस्क: आज के समय में मेडिकल वर्ल्ड ने काफी तरक्की कर ली है. बड़ी से बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयां और इंजेक्शन ईजाद हो चुके हैं. अगर समय से डॉक्टर के पास चले जायें तो जान बच जाती है. लेकिन आज भी भारत के अधिकांश लोग पैसे बचाने के चक्कर में झोलाछाप डॉक्टर्स के पास चले जाते हैं. इन डॉक्टरों को कोई ज्ञान नहीं होता. सिर्फ लोगों को उल्लू बनाकर वो पैसे कमाते हैं. ऐसे ही झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में फंसकर पाली के एक किशोर की जान चली गई.
मामला पाली के सिरियारी थाना क्षेत्र का है. यहां जोजावर कस्बे में गुरुवार देर रात एक किशोर की मौत हो गई. किशोर की तबियत खराब हो गई थी. लेकिन उसके परिजन उसे अच्छे अस्पताल ले जाने की जगह बगल में रहने वाले झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए. उसके उटपटांग इलाज की वजह से किशोर की तबियत काफी ज्यादा बिगड़ गई. परिजनों ने बाद में बेटे को जिला अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. किशोर की जान बचाई नहीं जा सकी.
गुडा केसरसिंह में रहने वाले 17 साल के गोविन्द की तबियत अचानक बिगड़ गई थी. उसके परिजनों ने अच्छे डॉक्टर को दिखाने की जगह बच्चे को झोलाछाप चिकित्सक इंद्रजीत विश्वास के पास ले गए. झोलाछाप डॉक्टर ने किशोर का ऐसा इलाज किया कि उसकी तबियत और भी ज्यादा खराब हो गई. इसके बाद घबराए परिजन किशोर को लेकर सामुदायिक चिकित्सालय ले गए. वहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां किशोर की जान चली गई.
17 साल के पोते की मौत की खबर जैसे ही उसकी दादी चंदादेवी को मिली, उसने भी वहीं दम तोड़ दिया. अपने पोते की मौत की खबर सुनकर दादी को हार्ट अटैक आ गया. किशोर और दादी की मौत के बाद इलाके में ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टर को अरेस्ट करने की मांग कर रहे थे. पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ डबल मर्डर का केस दर्ज कर लिया है. इसके बाद ही ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया.
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