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    जनता हुई जागरुक..नेताओं के वादों से पहले ही दिखाया आईना

  • June 08, 2022

    नागदा (प्रफुल्ल शुक्ला)। तीन साल देरी से हो रहे नगर पालिका चुनाव को लेकर नेताओ ने भले ही कमर कस ली हो पर इस बार जनता भी पूरी तैयारी से बैठी नजर आ रही है। नेताओं के चुनाव लडऩे के दावों के बीच ही आम जनता से जुड़े वर्षों से लंबित मुद्दे सोशल मीडिया में वायरल होना अभी से शुरू हो गए हंै। आम लोगों का यह रुख देख अपने आप को वार्ड चुनाव में विजय समझने वाले नेताओ की भी नींद उड़ती दिख रही हैं।


    इन मुद्दों पर है जनता मुखर सैकड़ों बेरोजगार श्रमिक
    ग्रसिम उद्योग से बेरोजगार हुए श्रमिकों का मामला अगली नगर पालिका चुनाव को ख़ासा प्रभावित कर सकता है। समय समय पर हर बड़े नेता ने निकाले गए श्रमिकों को पुन: काम पर लगवाने का वादा किया था परंतु उद्योगों के एहसान तले दबे नेता दिखावे से ज्यादा कुछ नहीं कर सके। सोशल मीडिया में यह मुद्दा ट्रेंड करना भी शुरू हो गया है जो चुनावी समर में उतरने वाले नेताओ के आड़े आ सकता है। करोड़ों रुपयों से बने फिल्टर प्लांट के बाद भी शहर को स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं होने का मामला पिछले कई दिनो से छाया हुआ है। इसके बाद सत्ताधारी दल के नेताओ ने फिल्टर पर पहुँच कर पानी के स्वच्छ होने का दावा करना पड़ा था। इसके बावजूद घरों तक मिट्टीनुमा पानी पहुचने का क्रम जारी रहा जो कि एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।

    रेलवे का नोटिस
    हाल ही में रेलवे द्वारा स्वयं की ज़मीन होने की जानकारी देते हुए वहाँ बसे लोगों को हटने के नोटिस जारी किए। आम लोग इसे उद्योग के इशारे पर हुई कार्यवाही मान रहे है क्योंकि यहाँ उद्योग की भी भूमि है जिस पर वर्षों से लोग रह रहे है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपकने में जरा भी देरी नहीं की है।

    जर्जर ब्रिज का हो उद्धार
    नागदा उज्जैन रोड स्थित वर्षों पुराने ब्रिज को नए सिरे से बनाए जाने की मांग भी सोशल मीडिया पर उठ रही है। गौतम जैन ने उपरी रूप से रंगे-पुते और नीचे से पूरी तरह जर्जर हो रहे इस ब्रिज की तस्वीरें सोशल मीडिया में साझा कर लोगों से इस मुद्दे को चुनाव के दौरान उठने की अपील की है।

    फिर निकला जिले का जिन्न
    नागदा को जिला बनाए जाने की मांग कोई नई नहीं है। हर चुनावों से पूर्व यह मांग बोतल में बंद जिन्न की तरह हर बार बाहर आ जाती है। कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाकर नगर पालिका पर काबिज होने का प्रयास करेगी। इन मुद्दों के अलावा भी आवास योजना, बेरोजगारी, ट्रेफिक अव्यवस्था सहित सरकारी योजनाओं को लेकर चली बंदरबाँट की बाते भी सोशल मीडिया पर चल रही है जो आगामी नपा चुनाव में अहम रोल निभा सकती है।

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