नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital in Kolkata) में हुई दरिंदगी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर और ममता सरकार (Doctor and Mamta Government) के बीच बातचीत पर सबकी नजरें टिकी हैं. जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री कार्यालय को ईमेल भेजकर बातचीत करने पर सहमति जताई गई. इससे पहले मंगलवार को डॉक्टरों ने बातचीत से इनकार कर दिया था. बुधवार को सुबह करीब 3:49 बजे डॉक्टरों द्वारा भेजे गए ईमेल के जवाब में सरकार ने उनसे शाम 6 बजे राज्य सचिवालय में बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया था. लेकिन अब डॉक्टरों ने बातचीत के लिए अपनी कुछ और शर्तें रख दी हैं.
दरअसल, मुख्य सचिव मनोज पंत ने डॉक्टरों से बातचीत को लेकर मेल भेजा था. इसमें कहा था, “हम आपके प्रतिनिधिमंडल को, जिसमें अधिमानतः 12-15 सहकर्मी शामिल हों, आज शाम 6 बजे यानी 11.09.2024 को नबान्ना में चर्चा के लिए आमंत्रित करते हैं. कृपया अपने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की लिस्ट ईमेल द्वारा भेजें. हम आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं और एक सार्थक बातचीत की उम्मीद करते हैं.”
लेकिन अब डॉक्टरों ने बातचीत से पहले सरकार के सामने कुछ और शर्तें रख दी हैं. प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि हमें पश्चिम बंगाल सरकार से एक मेल मिला है. हम चाहते हैं कि मीटिंग में 30 प्रतिनिधियों को अनुमति दी जाए. हम चाहते हैं कि सीएम ममता बनर्जी भी उस मीटिंग में मौजूद रहें. साथ ही इस मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग भी कराई जाए, ताकि सभी को पता चल सके कि क्या चर्चा हुई है. अब सबकी नजर इस बात पर टिकी हैं कि क्या ममता सरकार इन शर्तों को मानेगी और अब इस मीटिंग को कब किया जाएगा?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन के बावजूद डॉक्टरों ने अपना प्रदर्शन खत्म नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार शाम 5 बजे तक डॉक्टर्स को काम पर लौटने की डेडलाइन दी थी. लेकिन डॉक्टरों ने प्रदर्शन जारी रखा. वहीं बंगाल सरकार ने भी 10 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को मिलने के लिए बुलाया था. छात्रों को भी ईमेल भेजा गया था. लेकिन ममता सरकार के इस प्रस्ताव को प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स ने खारिज कर दिया था. इसके बाद टीएमसी ने दावा किय़ा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए अपने कक्ष में इंतजार कर रही थीं, लेकिन डॉक्टरों की ओर से इस मेल के जवाब में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. डॉक्टरों की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद सीएम ने बंगाल सचिवालय से निकल गईं.
डॉक्टर्स ने कहा कि बंगाल सरकार द्वारा बातचीत के लिए संपर्क करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हमें बड़े आश्चर्य से एक मेल मिला. हमारी पांच मांगें थीं, जिसमें डीएचएस और डीएमई और स्वास्थ्य सचिव को हटाए जाने की मांग शामिल थी. पर आश्चर्य की बात है कि उस हेल्थ सेक्रेटरी ने हमें मेल किया है. अगर हम चाहें तो 10 प्रतिनिधियों के साथ नबन्ना आ सकते हैं. स्वास्थ्य सचिव का ईमेल आया है. हम इसे सकारात्मक संकेत के रूप में नहीं देखते हैं. हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन स्वास्थ्य सचिव का मेल भेजना हमारे लिए बहुत अपमानजनक है.
आंदोलनकारी डॉक्टर मांग कर रहे हैं कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, राज्य स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (डीएचई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) को उनके पदों से हटाया जाए. उन्होंने राज्य में सभी महिला स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा और संरक्षा की भी मांग की है.
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