भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्लोबल स्किल पार्क मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है। पूर्व सरकार के समय आई बाधाओं के कारण देरी हुई है। पूर्व सरकार ने इस पर ध्यान भी नहीं दिया। अब इस स्किल्स पार्क का कार्य अब तेजी से चलना चाहिए। कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। जैसा मुझे जैसा प्रेजेंटेशन दिखाया है, प्रोजेक्ट वैसा ही बनना चाहिए। इसमें किसी प्रकार गलती होती है तो अधिकारियों को टांग दिया जाएगा। ये तल्ख तेवर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सिंगापुर के तकनीकी परामर्श एवं सहयोग से नरेला शंकरी में 30 एकड़ के क्षेत्र में किए जा रहे ग्लोबल स्किल पार्क के निर्माण कार्य का निरीक्षण करते समय दिखाए। सीएम ने कहा कि इस पार्क के लिए 2017 में योजना तैयार की थी। दिसम्बर-2022 के पहले ही इसे विश्वस्तरीय पार्क बनाने का संकल्प है। सपना यह है कि बच्चों के हाथ में इतना हुनर आ जाए कि उन्हें प्लेसमेंट मिल जाए। इस प्रोजेक्ट की लागत 1548 करोड़ है। तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि कोविड-19 की महामारी जैसी समस्या को ध्यान में रखकर इसमें कुछ बदलाव प्रस्तावित किए हैं। ताकि भविष्य में इस तरह कोई स्थिति बनती है तो उसका सामना किया जा सके।
स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार शुरू होंगे ट्रेड
11 ट्रेड के अलावा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार अन्य ट्रेड भी प्रारंभ किये जा सकते हैं। प्रशिक्षण के लिये जो ट्रेड तय किये गये हैं उनमें मेकाट्रोनिक्स, मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स, पॉवर एंड कंट्रोल, नेटवर्क एंड सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडिशनिंग, मैकेनिकल एण्ड इलेक्ट्रिकल सर्विसेज, ऑटोमोटिव, मैकेनिकल टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल और प्रिसिजन इंजीनियरिंग (ग्लोबल स्किल्स पार्क सिटी कैंपस में संचालित) शामिल हैं।
5 साल में 40 हजार को ट्रेनिंग
शुरुआत में हर वर्ष 6 हजार छात्र और बाद में 10 हजार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 5 वर्ष में 40 हजार छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों पर मेगा आईटीआई संचालित होंगी। इनका कार्य हाउसिंग बोर्ड द्वारा पूरा किया जाएगा।
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