25 के बाद हो सकती है घोषणा… अन्यथा नई मतदाता सूची बनवाना पड़ेगी
इंदौर। नगरीय निकाय के चुनाव की तैयारी जहां आयोग ने शुरू कर दी, वहीं दोनों राजनीतिक दल भी तैयार हैं। संभवत: 25 दिसम्बर के बाद चुनाव की घोषणा के साथ निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अगर दिसम्बर अंत तक चुनावी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई , तो फिर नई मतदाता सूची 1 जनवरी 2021 के आधार पर तैयार करवाना पड़ेगी। अभी वर्तमान मतदाता सूची के आधार पर ही वार्ड पार्षदों और जनता द्वारा सीधे महापौर का चुनाव कराया जा सकेगा। पिछले दिनों महापौर आरक्षण की प्रक्रिया भी सम्पन्न हो गई और वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा करवाई गई।
कांग्रेस और भाजपा ने जहां निगम चुनाव की तैयारी शुरू कर दी, दोनों ही दलों के प्रभारियों द्वारा सभी जिलों में दौरे भी शुरू कर दिए हैं और इस बार फिर महापौर का सीधा चुनाव जनता के जरिए ही कराया जाएगा। भाजपा के पास तो दमदार प्रत्याशियों की फौज है, लेकिन कांग्रेस के पास जीतने लायक चेहरे की तलाश है। इसमें संजय शुक्ला से लेकर जीतू पटवारी, विनय बाकलीवाल सहित अन्य दावेदारों के नाम सामने आए हैं। दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग ने भी नगरीय निकाय के चुनावों की तैयारी शुरू करवा दी है। दरअसल, मतदाता सूची तैयार है, जिसके आधार पर इंदौर के सभी 85 वार्डों और महापौर का सीधा निर्वाचन होगा। वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूहले से ही हो चुकी है और पिछले दिनों भोपाल में महापौर के आरक्षण की प्रक्रिया भी हो गई, जिसमें इंदौर को अनारक्षित रखा गया है। यानी सामान्य से लेकर किसी भी वर्ग का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। दरअसल, इसी महीने के अंत तक निर्वाचन की प्रक्रिया इसलिए शुरू करना होगी, क्योंकि वर्तमान मतदाता सूची के आधार पर ही चुनाव करवाए जाएंगे। अगर 31 दिसम्बर के बाद चुनाव की घोषणा होती है तब फिर 1 जनवरी 2021 के आधार पर नए सिरे से मतदाता सूची तैयार करना होगी, जिसमें समय भी लगेगा। अभी हालांकि विधानसभा के लिए हर साल जो मतदाता सूची अपडेट की जाती है उसकी प्रक्रिया चल रही है, लेकिन नगर निगम के चुनाव पहले से ही तैयार मतदाता सूची के आधार पर करवाए जाएंगे, जिसके चलते राज्य निर्वाचन आयोग को इसी माह के अंत तक अनिवार्य रूप से निगम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करना पड़ेगी। अभी 25 दिसम्बर को इंदौर में भी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के कई कार्यक्रम हैं, जिनमें करोड़ों रुपए के विकास योजनाओं की घोषणा, शिलान्यास और उद्घाटन किए जाना है, जिसमें पिपल्याहाना का ओवरब्रिज भी शामिल है और नगर निगम से जुड़े कई विकास कार्यों की सौगात भी दी जाएगी, जिसका फायदा निगम चुनाव में भी मिलेगा। इसी कड़ी में आज पथ विक्रेताओं को भी ब्याजमुक्त ऋण के वितरण का कार्यक्रम रखा गया है। मध्यप्रदेश में जल्द ही नगरीय निकाय चुनावों का बिगुल बजने वाला है। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली है। प्रदेश की करीब 345 निकायों में चुनाव होना है, जिनमें उम्मीदवार एमपी ऑनलाइन के जरिए नामांकन दाखिल कर सकेंगे। हालांकि रिटर्निंग ऑफिसर के सामने उम्मीदवार को उपस्थित होना पड़ेगा। वहीं चुनाव प्रचार, रैली और रोड शो में कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखना भी अनिवार्य होगा। आपको बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद पंचायतों के चुनाव शुरु होंगे। प्रदेश में नगरी चुनाव के लिए आचार संहिता कभी भी लग सकती है। ज्यादा संभावना 25 दिसंबर के पहले मानी जा रही है। चुनाव की तैयारियों को लेकर मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त ने बैठक ली। आयोग जनवरी माह में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने की तैयारी में है। इसके बाद पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। निकाय चुनाव में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
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