इंदौर (Indore)। इंदौर से राऊ (Indore to Rau) होते हुए महू तक ट्रेन क्रॉसिंग (train crossing) की समस्या इस साल के अंत तक खत्म हो जाएगी। अभी इंदौर से राऊ (Indore to Rau) तो दोहरीकृत रेल लाइन उपलब्ध है, लेकिन राऊ-महू सेक्शन अभी भी सिंगल लाइन वाला है। इस वजह से यात्री ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए महू या राऊ में रोकना पड़ता है। रेलवे ने काफी देरी से ही सही, राऊ-महू रेल लाइन दोहरीकरण का मैदानी काम शुरू कर दिया है।
करीब नौ किलोमीटर लंबे राऊ-महू सेक्शन के दोहरीकरण पर रेल मंत्रालय 85 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। प्रोजेक्ट में बिछाई जाने वाली दोहरीकृत रेल लाइन भी विद्युतीकृत होगी, क्योंकि इंदौर-महू सिंगल लाइन सेक्शन पहले से विद्युतीकृत है। राऊ-महू के बीच इकलौता रेलवे स्टेशन हरनियाखेड़ी है, जहां रेल लाइन बिछाने के लिए अर्थवर्क शुरू हो चुका है। हरनियाखेड़ी रेलवे स्टेशन पर फिलहाल एक प्लेटफॉर्म है, जिसे बढ़ाकर दो किया जाएगा, साथ ही स्टेशन बिल्डिंग भी नई बनाई जाएगी।
फुट ओवरब्रिज समेत अन्य यात्री सुविधाएं भी वहां जुटाई जाएंगी। इसके अलावा महू स्टेशन से पहले एक मेजर ब्रिज का फाउंडेशन वर्क भी शुरू हो रहा है। दोहरीकरण योजना का फायदा इंदौर-महू के बीच तो मिलेगा ही, लेकिन भविष्य में जब महू-खंडवा ब्रॉडगेज और इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन प्रोजेक्ट पूरे होंगे, तब दोहरीकृत लाइन दोहरा फायदा देगी। प्रोजेक्ट के लिए रेलवे को बहुत ज्यादा जमीन नहीं लेना पड़ी, क्योंकि पहले से ज्यादातर जमीन रेलवे की मालिकी हक की है।
इंदौर के बजाय महू से चल सकेंगी और ट्रेनें
अभी महू से डेमू और पैसेंजर ट्रेनों के अलावा कटरा, प्रयागराज, भोपाल, यशवंतपुर, कामाख्या, नागपुर और रीवा के लिए रेल सेवा उपलब्ध है। महू यार्ड में तीसरी पिटलाइन भी तैयार हो रही है और बड़ी लाइन के दो नए प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं। दोहरीकरण के साथ इन कार्यों के पूरे होने से इंदौर तक आने वाली ट्रेनों को महू तक बढ़ाया जा सकेगा। इससे इंदौर स्टेशन पर न केवल दबाव कम होगा, बल्कि नई ट्रेनें शुरू करने का रास्ता भी साफ होगा। अभी रेलवे कोई भी नई ट्रेन चलाने से पहले पिटलाइन पर जगह न होने, प्लेटफॉर्म उपलब्ध न होने जैसे बहाने बनाता है।
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