उज्जैन। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में गंभीर रूप से बीमार कैदियों को अब आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज की बेहतर सुविधा मिल रही है। इसके तहत बीते 6 माह में 273 कैदी इलाज के लिए बाहर भेजे गए हैं। इसमें 14 कैदी ऐसे हैं, जिनके हड्डी और अन्य बीमारियों के चलते ऑपरेशन तक हुए हैं।
जेलर सुरेश गोयल ने बताया कि जेल में बंदियों के उचित उपचार एवं गंभीर बीमारी के ईलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा भी निर्देशित किया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर जेल में कैदियों के लिए जाँच शिविर लगाए जा रहे हैं। इस दौरान अति गंभीर रूप से बीमार कैदियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। खास बात यह है कि जेल प्रशासन के द्वारा उन्हें यह सुविधा तत्काल प्रभाव से दी जा रही हैं। ताकि बीमारी का इलाज कराने में थोड़ी सी भी देरी न हो, साथ ही इलाज के लिए उन्हें आर्थिक परेशानी से भी न जूझना पड़े। आंकड़ों पर नजर डालें तो जेल प्रशासन द्वारा बीते 6 माह में 273 कैदियों को आयुष्मान कार्ड के जरिए नि:शुल्क उपचार मिला हैं। इसमें 14 कैदी ऐसे है जिनके बड़े ऑपरेशन भी आयुष्मान योजना के तहत हुए हैं।
2023 में 379 कैदियों को मिला उपचार
जेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हर साल कैदियों के इलाज में लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। साल 2023 में भी 379 कैदियों का उपचार बाहर के अस्पतालों में जेल प्रशासन द्वारा करवाया गया। इमसें नाक, कान, आँख, हड्डी और अन्य बीमारियों से पीडि़त कैदी शामिल हैं। इसके अलावा जेल में एक डिस्पेंसरी भी हैं जहाँ चौबीस घंटे एक फार्मासिस्ट मौजूद रहता है। साथ ही जेल में एक डॉक्टर हमेशा ड्यूटी पर तैनात रहता है। कैदियों को जेल में चिकित्सा से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं आने दी जाती है। जिसको जैसा इलाज चाहिए होता है उसको जेल प्रशासन मुहैया करवाता है।
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