गोंडा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा जिले (Gonda District) से फर्जीवाड़े (Forgeries) का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप किसी और पर नहीं बल्कि बैंक मैनेजर (Bank Manager) और बैंक में काम करने वाले अन्य लोगों पर लगे है. पीड़ित का आरोप है कि वह जेल (Jail) में सजा काट रहा था. इसी दौरान उसके खाते (Account) से फर्जी तरीके से 47 हजार रुपये निकाले गए हैं. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई न होने के बाद पीड़ित ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी.
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के मैनेजर और कैशियर पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. शिकायतकर्ता रामभोग ने बताया कि 21 अप्रैल 2004 में मुझे हत्या के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था. वहीं, 26 जनवरी 2022 को जमानत मिलने के बाद वह अपने खाते से पैसे निकालने के लिए पहुंचा था, लेकिन वहां पहुंच कर पीड़ित का पता चला कि उसके खाते से 47 हजार रुपये गायब है.
पीड़ित ने तुरंत बैंक से इस बारे में बात की और बताया कि मैंने पैसे नहीं निकाले है. लेकिन बैंक ने पीड़ित की कोई मदद नहीं की. इसके बाद रामभोग ने पुलिस में फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने भी इस मामले में पीड़ित की कोई मदद नहीं की. हताश निराश होकर पीड़ित ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई. जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बैंक मैनेजर और कैशियर पर मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट के आदेश के बाद बैंक मैनेजर और कैशियर पर केस दर्ज हो गया है. बैंक के शाखा प्रबंधक संदीप कुमार ने बताया की केस दर्ज होने की जानकारी नहीं है, ऐसा है तो जांच में पुलिस का सहयोग किया जाएगा. शिकायतकर्ता ने बताया कि वह जेल में बंद था. इस बीच उन्होंने कभी पैसा नहीं निकाला. शिकायतकर्ता ने शाखा प्रबंधक और अन्य अज्ञात लोगों पर घोखाघड़ी करने का आरोप लगाया था.
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