मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक सरकारी स्कूल में दिव्यांग बच्चे को जबरन मीट खिलाने का मामला सामने आया है. दिव्यांग बच्चे ने जब जानकारी परिजनों को दी तो हंगामा हो गया. परिवार वाले बच्चे को लेकर थाने पहुंच गए. खबर मिलते ही हिंदूवादी संगठन के नेताओं ने भी विरोध जताते हुए थाने पहुंच गए. हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया. शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी की गई, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं.
जिले के प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले एक दिव्यांग छात्र ने प्रिंसिपल द्वारा जबरन मीट खिलाए जाए की बात परिजनों को बताई. शिकायत मिलने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया. प्रिंसिपल ने मामले को झूठा बताया है. जिस दिव्यांग छात्र ने प्रिंसिपल पर मीट खिलाने का आरोप लगाया है वह बोल नहीं पाता है. उसने इशारों में मीट खिलाए जाने की बात कही. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिकायत मिलने के बाद प्रिंसिपल को सस्पेंड किया है.
मामला मेरठ के वैद्यवाड़ा स्कूल का है. यहां पढ़ने वाले एक छात्र का आरोप है कि वह और उसका दिव्यांग भाई स्कूल पढ़ने आते हैं. दोपहर में छात्रों के लिए मिड डे मील बनाया जाता है. छात्र ने बताया कि मिड डे मील में आलू सोयाबीन की सब्जी बनी थी. उन्होंने जब उसे खाया तो वह उन्हें अच्छी नहीं लगी. जिसकी वजह से उसने एक और उसके दिव्यांग भाई ने 2 रोटी खाई थीं. छात्र का आरोप है कि सब्जी अच्छी न लगने पर प्रिंसिपल मोहम्मद इकबाल ने उसे 100 रुपये देकर मीट लाने को कहा.
छात्र ने पुलिस को बताया कि जब वह मीट लेकर आया तो प्रिंसिपल ने उससे खाने के लिए पूछा. छात्र ने उसे खाने से मना कर दिया. उसका आरोप है कि प्रिंसिपल ने उसके भाई से भी मीट खाने के लिए पूछा तो उसने उसके खाने से भी मना कर दिया. लेकिन उन्होंने उसके भाई को मीट खिला दिया. वह जब वापस घर आए तो उसका छोटा भाई मुंह ढककर पंखे के नीचे लेट गया. जब उसके परिजनों ने पूछा तो उसने मीट खिलाए जाने की बात उन्हें बताई. बच्चे की बात सुनकर वह बच्चे को लेकर पहले स्कूल पहुंचे. उन्होंने वहां हंगामा किया. फिर वह बच्चे को लेकर थाने पहुंचे. बच्चे की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को हिरासत में लिया है.
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