अमरावती। आंध्र प्रदेश में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी पाए जाने के बाद सियासत गरमा गई। उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इस पाप के प्रायश्चित्त के लिए 11 दिनों का उपवास करने का फैसला किया। मंगलवार को उन्होंने कनक दुर्गा मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान किया। आज उनका प्रायश्चित दिक्षा का तीसरा दिन है। उन्होंने वाईएसआरसीपी पर कनक दुर्गा मंदिर से तीन शेर चुराने का आरोप लगाया भी लगाया। बता दें कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछली सरकार वाईएसआरसीपी पर तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने का आरोप लगाया था।
डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने कहा, “आज प्रायश्चित दिक्षा का तीसरा दिन है। बचपन से ही मैं सनातन धर्म को मानता आया हूं। मैं श्रीराम का भक्त हूं और मुझे हिंदू होने पर गर्व है।” पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “वाईएसआरसीपी के शासन के दौरान कनक दुर्गा मंदिर से तीन शेर लूट लिए गए थे। जब हमने उनसे सवाल किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। मुझे नहीं मालूम कि वाईवी सुब्बा रेड्डी और करुणाकर रेड्डी ने ईसाई धर्म अपना लिया या नहीं। आपके शासनकाल में एक बोर्ड (टीटीडी) की स्थापना हुई। रिपोर्ट्स मिलने के बाद ही हम सवाल करेंगे।”
प्रसाद में मिलावट मामले में आंध्र प्रदेश साधु परिषद के अध्यक्ष श्रीनिवानंद सरस्वति ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसके लिए जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी सरकार (पिछली सरकार) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “पिछली सरकार में जगन मोहन रेड्डी ने बहुत सारे अपचार किए। उन्होंने तिरुमाला क्षेत्र को भी व्यापार केंद्र के तौर पर देखा। उन्होंने कभी भी इसे आध्यात्मिक या तीर्थस्थल के तौर पर नहीं देखा। उन्होंने भगवान वेंकटेश्वर की पवित्रता को अशुद्ध कर दिया। उन्होंने कभी भी हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान नहीं किया।”
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