कानपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय कानपुर दौरे पर हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार महामहिम रविवार सुबह अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। चॉपर से उतरते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जन्मभूमि को नमन किया। उसकी मिट्टी माथे पर लगाई। राष्ट्रपति सबसे पहले पथरी देवी मंदिर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ मंदिर पहुंचीं।
राष्ट्रपति ने पथरी देवी मंदिर में माथा टेका और परिक्रमा की। करीब 15 मिनट तक विधि-विधान से पुजारी कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई। राष्ट्रपति इस मौके पर फल-मिष्ठान अपने साथ ही लाए थे। राष्ट्रपति ने देवी के चरणों में 11 हजार रुपये अर्पित किए। पुजारी को 11 सौ रुपये भेंट दी। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता द्वारा की गई देखरेख के बारे में भी बताया। राष्ट्रपति ने मंदिर में दर्शन व पूजन के बाद आंबेडकर पार्क में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
परौंख में जनसभा स्थल मंच से राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे आने से जितनी आपको खुशी है, उससे ज्यादा खुशी मुझे है। कहा कि इस बार आने में जितना देर हुई, कोशिश होगी कि अगली बार इतना विलम्ब न हो। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आपके जैसा नागरिक हूं, बस संविधान में उसे प्रथम नागरिक का दर्जा है। सपने में नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति बनकर सेवा करूंगा। हम सब बराबर की पृष्ठभूमि से हैं। प्रधानमंत्री तो यूपी ने बहुत दिए लेकिन राष्ट्रपति यूपी से पहला है।
अब यूपी वालों के लिए भी राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है। गांव में पक्के मकान बन गए, रोहनिया बाजार देखकर अच्छा लगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे सहपाठी जसवंत सिंह, चंद्रभान सिंह, दशरथ सिंह बहुत याद आते हैं। कहा कि कोरोना काल में फिटनेस और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने की कोशिश है। खुद को टीका लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। गांव वालों को राष्ट्रपति भवन देखने की व्यवस्था खुद करूंगा। आप लोग आएं और देखें। संबोधन के बाद राष्ट्रपति पुखरायां पहुंचे।
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