नई दिल्ली: चीन में एक महान दार्शनिक हुए, नाम था लाओ त्से. लाओ ने अरसे पहले एक बात कही थी, जो आज भी उतनी ही असरदार है. लाओ का कहना था, मुश्किल काम तब करो, जब वे आसान हो. महान काम तब करो जब वे छोटे रूप में हों. आईपीएल 2023 में नए सुपर स्टार बनकर उभरे शुभमन गिल ने लाओ त्से का यह कोट भले ही न पढ़ा हो, लेकिन इसे अक्षरशः अपने क्रिकेट जीवन में उतार जरूर लिया है.
आईपीएल के मौजूदा सीजन में 3 शतक जड़कर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन चुके शुभमन गिल ने क्रिकेट की पेचीदगियों को नन्ही उम्र में समझना शुरू कर दिया था. 23 साल के गिल ने खुद को साबित करने के लिए आज से 9 साल पहले ही रिकॉर्ड बनाने शुरू कर दिए थे. 2014 में 14 साल की उम्र में पंजाब के इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट टूर्नामेंट एमएल मरकन ट्रॉफी में गिल ने ऐसा कारनामा किया कि कोच भविष्यवाणी करने पर मजबूर हो गए.
दरअसल, उस टूर्नामेंट में शुभमन ने मोहाली से खेलते हुए अमृतसर के खिलाफ 351 रन की पारी खेली और पहले विकेट के लिए साथी निर्मल सिंह के साथ 587 रन ठोक दिए थे. इस पारी की चर्चा खत्म भी नहीं हुई थी कि गिल ने रोपण के खिलाफ 405 रन की नाबाद पारी खेल डाली. ओपनर ने इस पारी में 50 चौके तो मारे, लेकिन छक्का एक भी नहीं जड़ा.
शुभमन गिल के कोच सुखविंदर सिंह ने इन दोनों पारियों को देख कहा था, बड़े खिलाड़ी छोटी उम्र में ही अपने बड़े होने की बात दिखाने लगते हैं, जैसे सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने स्कूल टूर्नामेंट में किया था. गिल की ये पारियां भी उसके बड़ा खिलाड़ी बनने का इशारा हैं. खुशी से गदगद कोच ने यह भी कहा था कि 405 रन की नाबाद पारी में शुभमन गिल ने सब जमीनी शॉट खेले. एक भी शॉट हवा में नहीं गया. उसने किसी भी गेंदबाज को खुद पर हावी नहीं होने दिया. इस उम्र में ऐसा कंट्रोल कमाल की बात है.
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