नई दिल्ली (New Delhi)। देश के बैंकों की स्थित मजबूत (Strong position of banks) है और उनपर अडाणी जैसे मामलों का असर नहीं (Cases like Adani no effect) पड़ेगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने बुधवार को यह बात कही।
द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश के बैंक इतने बड़े और मजबूत हैं कि उनपर ऐसे मामलों का असर नहीं पड़ेगा। अडाणी समूह से जुड़े एक सवाल पर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने स्वयं से अपना आकलन कर पिछले हफ्ते एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि देश के बैंक मजबूत हैं।
अडाणी समूह का जिक्र किए बिना आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आज के समय में भारतीय बैंकों का आकार, उनकी क्षमता काफी मजबूत है। उनकी क्षमता ऐसी है कि वे इस प्रकार के मामलों से प्रभावित होने वाले नहीं हैं। दरअसल आरबीआई गवर्नर से यह पूछा गया था कि क्या मौजूदा स्थिति में आरबीआई घरेलू बैंकों को अडाणी समूह की कंपनियों को दिए गए कर्ज को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी करेगा।
शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक कर्ज देते समय, संबंधित कंपनी की बुनियाद और संबंधित परियोजनाओं के लिए नकद प्रवाह की स्थिति पर गौर करते हैं। कर्ज के मामले में कंपनियों के बाजार पूंजीकरण से कोई लेना-देना नहीं होता है। गुजरते समय के साथ बैंकों की मूल्यांकन प्रणाली काफी सुधरी है। आरबीआई ने पिछले तीन-चार साल में बैंकों को मजबूत बनाने के लिए कई अहम कदम उठाएं हैं। संचालन, ऑडिट समितियों और जोखिम प्रबंधन समितियों को लेकर समय-समय पर दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
इस मौके पर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने कहा कि घरेलू बैंकों का अडाणी समूह को दिया गया कर्ज कोई बहुत ज्यादा नहीं है। शेयरों के बदले जो कर्ज दिया गया है, वह बहुत कम है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों को बैंकों की तरफ से दिए गए कर्ज को लेकर मुख्य विपक्षी दलों और विभिन्न तबकों ने चिंता जताई है। रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले हफ्ते भारी गिरावट आई थी, लेकिन फिलहाल कंपनी के शेयर में तेजी दिख रही है। (एजेंसी, हि.स.)
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