भोपाल। एक माह तक गरीबों की थाली न केवल रहेगी आधी खाली। बल्कि सोसायटी के सेल्समेनों को भी राशन वितरण में होगी परेशानी। दरअसल, शासन ने फरवरी माह के राशन आवंटन में कटौती कर दी है। जिसके कारण हितग्राहियों को कम राशन का ही वितरण किया जाएगा। इधर, कोरोना महामारी के बाद जैसे-तैसे जीवन पटरी पर लौट रहा था। लेकिन शासन ने गरीबों को वितरित किए जाने वाले सस्ते अनाज में ही कटौती कर दी। जिससे गरीबों के निवाले पर असर पड़ेगा। जानकारी के अनुसार शासन द्वारा फरवरी माह में सोसायटियों के माध्यम से गरीबों को वितरित किए जाने वाले राशन में कटौती कर दी है। शासन द्वारा 50-60 फीसदी से अधिक राशन की कटौती की है। इधर, नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा राशन आवंटन की सूची भी जारी कर दी है। इस सूची में सोसायटियों को दिए जाने वाले खाद्यान्न की मात्रा कम कर दी गई है। जिसके चलते फरवरी माह में हितग्राहियों को कम राशन मिलने की संभावना है। बताया जा रहा है कि कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन के समय में बड़ी मात्रा में ग्रामीणों को निशुल्क राशन का वितरण किया गया था। जिसका असर अब सोसायटियों से मिलने वाले राशन पर पडऩे लगा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग राशन का कोटा आवंटन किया गया है। ऐसे में सेल्समेनों के सामने हितग्राहियों को राशन वितरण में परेशानी होगी। इधर, राशन का आबंटन की सूची जारी होने के बाद सेल्समेनों ने जिला खाद्य आपूर्ति से भी मुलाकात कर अपनी समस्याएं बता चुके हैं। हालांकि, जिला खाद्या आपूर्ति अधिकारी द्वारा सेल्समेनों की समस्याओं का निराकरण किए जाने का आश्वासन दिया गया। बताया गया है कि फरवरी माह में कम आबंटन जारी किए जाने को लेकर खाद्य विभाग द्वारा लॉकडाउन का हवाला दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 के चलते पिछले कुछ माह से हितग्राहियों व आम जनता को निशुल्क राशन का वितरण किया गया था। बीते सभी माह को एकजाई करने के बाद जो स्थिति उत्पन्न हुई तब फरवरी माह के राशन का कोटा जारी किया गया है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सोसायटियों के माध्यम से हितग्राहियों को राशन वितरण में कमी होती है तो सेल्मेन अतिरिक्त आबंटन के लिए आवेदन दे सकता है। जिसे अतिरिक्त आबंटन के लिए आवेदन शासन को भेजा जाएगा। ताकि उस सोसायटी के हितग्राहियों को राशन कम न होने पाए। यदि कोई सेल्समेन आवश्यकता से अधिक राशन का वितरण भी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
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