भोपाल । मध्य प्रदेश में (In Madhya Pradesh) सिंधिया, शिवराज और दिग्विजयसिंह (Scindhia, Shivraj and Digvijay Singh) के राजनीतिक भविष्य (Political Future) का फैसला कल होगा (Will be decided Tomorrow) । मध्य प्रदेश की राजनीति के लिहाज से मंगलवार का दिन खास रहने वाला है। इस बार के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और फग्गन सिंह कुलस्ते के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के राजनीतिक भविष्य का फैसला होने वाला है।
राज्य में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। इस बार के चुनाव में रोचक बात ये है कि यह पहला ऐसा मौका है जब दो पूर्व मुख्यमंत्री लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। दिग्विजय सिंह राजगढ़ से और शिवराज सिंह चौहान विदिशा से किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं अन्य दिग्गजों की बात करें तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से, फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा खजुराहो से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
राज्य की 29 सीटों पर गौर करें तो कुल 369 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 65 लाख 95 हजार 533 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 90 लाख 70 हजार 191 है और महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 75 लाख 23921 है। वही थर्ड जेंडर मतदाता 1221 हैं। मध्य प्रदेश में मतदान का प्रतिशत 67.87 रहा। राज्य के 29 संसदीय क्षेत्र में मतदान चार चरणों में संपन्न हुआ और मतगणना 4 जून को होने वाली है। अब हर किसी की नजर मतगणना पर है। एग्जिट पोल के पूर्वानुमान भाजपा को बड़ी बढ़त के साथ 2019 के नतीजे दोहराने की तरफ इशारा कर रहे हैं। कांग्रेस को भी कुछ एग्जिट पोल के आधार पर उम्मीद है।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि राज्य की सियासत के लिहाज से इस बार का चुनाव काफी अहम है। ऐसा नहीं है कि पिछले चुनाव ने राज्य की राजनीति को प्रभावित नहीं किया, मगर इस बार कई ऐसे दिग्गज चुनाव मैदान में हैं जिनकी हार और जीत का बड़ा असर पड़ने वाला है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह साफ कर चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है, वहीं शिवराज सिंह चौहान इस चुनाव में सफलता पाने के बाद राज्य की राजनीति से बाहर निकल कर केंद्र में सक्रिय नजर आएंगे। इसके अलावा सिंधिया, कुलस्ते और शर्मा की सफलता अथवा असफलता भी राजनीतिक तौर पर काफी मायने रखने वाली होगी। इन तीनों नेताओं का अलग-अलग इलाकों से न केवल नाता है, बल्कि उनकी अपनी राजनीतिक हैसियत भी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved