भोपाल। भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्रर प्रणाली लागू करने का उद्देश्य यह था कि पुलिस बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के काम कर सकेगी। लेकिन राजधानी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुए करीब एक माह का समय होने जा रहा है, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण अभी भी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को थाने में जगह नहीं मिल पा रही है। इसकी प्रमुख वजह भाजपा पदाधिकारी का एक रिश्तेदार है, जिसके चलते थानों में इंस्पेक्टर की तैनाती नहीं हो पा रही है और चार थानों में अब भी सब इंस्पेक्टर ही थाना प्रभारी बने बैठे हैं।
20 से ज्यादा इंस्पेक्टर पुलिस लाइन में
जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन में पदस्थ करीब 20 से ज्यादा इंस्पेक्टर और कार्यवाहक इंस्पेक्टर मौखिक आदेश पर सायबर क्राइम, क्राइम ब्रांच व दो थानों (पिपलानी और अयोध्या. नगर) में तैनात हैं। इसके अलावा भोपाल जिला बल में एक ऐसी महिला इंस्पेक्टर ने आमद दी है जिन पर पिछले दिनों जुआ-सट्टा संचालित करवाने का आरोप लगा था। इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जाहिर करते हुए एसपी विदिशा को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे। एसपी मोनिका शुक्ला ने अगले ही दिन महिला निरीक्षक को लाइन भेज दिया था। विदिशा जिले से चार इंस्पेक्टरों की जिला बल भोपाल में पदस्थापना की गई है। इसमें से एक सुमि देसाई विदिशा से शहर में पदस्थ थीं। पिछले दिनों सुमि पर जुए- सट्टे को संचालित करवाने का आरोप लगा था। इस पर सीएम शिवराज ने नाराजगी जाहिर करते हुए एसपी को तलब किया था। सुमि के अलावा इंस्पेक्टर वीरेंद्र झा, राखी झा और उमाशंकर मिश्रा को भोपाल जिला बल में पदस्थापना दी गई। इनमें से दो लोगों ने पुलिस लाइन में आमद दी है। उमाशंकर 28 फरवरी को रिटायर्ड होने वाले हैं।
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