उज्जैन। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच शहर की मुख्य सड़कों पर 13 थानों की पुलिस सारे काम छोड़कर लोगों को संक्रमण से बचाने और इसे फैलने से रोकने के लिए समाज के ऐसे दुश्मनों को समझाने तथा स्पॉट फाईन लगाने में लगी हुई है जो बाजारों में बगैर मास्क के घूम रहे हैं। ऐसे समाज के दुश्मनों से पुलिस पिछले 7 दिनों में डेढ़ लाख से ज्यादा का स्पॉट फाईन वसूल चुकी है। इसके बाद भी लोग नहीं मान रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शहर में अब पिछले 4 दिनों से रोज कोरोना विस्फोट हो रहा है। कल रात को भी 63 नए केस जिले में आए हैं। इधर कल दिनभर देवास रोड, फ्रीगंज क्षेत्र, आगर रोड सहित 13 थाना क्षेत्रों में पुलिस के दल सड़कों पर बगैर मास्क के घूम रहे लोगों को समझाने तथा नहीं मानने पर स्पॉट फाईन लगाने के काम में जुटी रही। आज सुबह से भी पुलिस बल कई क्षेत्रों में ऐसे लापरवाह तथा समाज के दुश्मनों की धरपकड़ में लगा हुआ है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना के बढ़ते केस देखते हुए शहर के 13 थानों के अलग-अलग दलों ने दो जनवरी से ही सड़क पर रोको टोको अभियान तथा मास्क नहीं लगाने वालों पर 200 रुपए स्पॉट फाईन लगाना शुरु कर दिया था।
पहले दिन पुलिस ने 4 हजार 900 रुपए का जुर्माना वसूला था। तीन जनवरी को मास्क नहीं पहनने वालों से 6 हजार 200 रुपए, 4 जनवरी को 8 हजार 200 रुपए तथा 5 जनवरी को 9 हजार 500 रुपए और जिस दिन शहर में एक ही दिन में 50 नए केस आए थे उस दिन 6 जनवरी को 44 हजार 800 रुपए, 7 जनवरी को 65 केस आए थे और इस दिन लापरवाह लोगों से 45 हजार रुपए स्पॉट फाईन वसूला गया था। कल रात में भी 63 और पॉजीटिव केस आए तथा कल दिनभर में पुलिस ने 30 हजार 400 रुपए स्पॉट फाईन के रूप में मास्क नहीं पहनने वालों से वसूले। कुल मिलाकर जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे स्पॉट फाईन की राशि भी बढ़ती जा रही है। इसका मतलब यह है कि भले ही अब रोजाना 50 से ऊपर कोरोना के पॉजीटिव केस आ रहे हैं, फिर भी लोग मास्क लगाना अनिवार्य नहीं समझ रहे। यह लापरवाही उन्हें और उनके परिवार तथा समाज को भारी पड़ सकती है।
जेल भेजेंगे तभी मानेंगे लोग
इधर चिकित्सकों का कहना है कि शहर और जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले यह बता रहे हैं कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसे फैलाने में ऐसे लोग अधिक जिम्मेदार हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंस नहीं रख रहे तथा मास्क नहीं पहन रहे। अभी ज्यादातर मरीज सामान्य या नहीं के बराबर लक्षण वाले मिल रहे हैं। यही लोग अगर बगैर मास्क के आम लोगों के बीच पहुँचेंगे तो ऐसे लोग संक्रमण की चेन को रोकने की बजाय उसे और मजबूत कर रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि होम आईसोलेशन में रखे गए मरीजों की कड़ी निगरानी की जाए या फिर बगैर मास्क के सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले लोगों को पूर्व की तरह स्पॉट फाईन लगाने के साथ-साथ पकड़कर अस्थायी जेलों में डाला जाए। तभी ऐसे लोग समझ पायेंगे।
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