उज्जैन। ऑनलाइन गेम का नशा अब धार्मिक शहर उज्जैन के साथ ग्रामीण एवं शहरी बच्चों, युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। इस गेम के नशे में कर्ज के दलदल में फँसे युवा आत्महत्या कर रहे हैं तो बच्चे घर में चोरियाँ कर रहे हैं। इस गेम के फैलते जाल की सूचना पुलिस के पास भी है। उज्जैन पुलिस ने इस संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की है।
उज्जैन शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों इंटरनेट के माध्यम से मोबाइल पर ऑनलाइन गेम एक तरह से जुआं खेलने की लत और नशा युवाओं के साथ बच्चों को भी भारी पड़ रहा है। इस गेम के माध्यम से कम समय में घर बैठकर करोड़पति बनने का सपना दिखाकर बच्चों और युवाओं को लालच में फँसा कर लाखों रुपए का कर्ज चढ़ाया जा रहा है। गेम के लिए ऑनलाइन रुपए डालने के लिए बच्चे घर में चोरियाँ कर रहे हैं और युवा कर्ज ले रहे हैं। तीन दिन पहले इसी तरह के गेम खेलने के कारण कर्ज में फँसे एक युवक ने उज्जैन में ट्रेन से कटकर आत्महत्या की है। कई मामले ऐसे हैं जिसकी पुलिस रिपोर्ट नहीं की जाती है लेकिन इसके बावजूद उज्जैन में ऑनलाइन गेम का धंधा जोरों से चल रहा है। इस संबंध में उज्जैन साइबर थाने के प्रभारी योगेश तोमर ने बताया कि हमारे द्वारा लगातार इस तरह के ऑनलाइन गेम खिलाने वालों और उनके स्थान पर नजर रखी जा रही है। फ्रीगंज क्षेत्र में ही पुलिस ने ऐसे 8 स्थान तलाशे हैं जहाँ पर इस तरह के गेम रूपी जुआ खिलाने का काम संचालित होता है, जहाँ पुलिस शीघ्र ही कार्रवाई करने वाली है। उज्जैन पुलिस ने इस संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की है। ऑनलाइन गैंबलिंग यानी जुआ पूरी तरह गैर कानूनी है लेकिन दाँव लगाने (पैसे) के लिए ऑनलाइन गेमिंग एक ग्रे एरिया बना हुआ है। बच्चों के परिवारों की शिकायत है कि फ्री फायर, रमी, रूलेट, ब्लैक जैक और इंडियन फ्लैश जैसे इंटरनेट जुआ और ऑनलाइन गेमिंग ने लाखों बच्चों को फंसाया हुआ है। जैसे-जैसे इंटरनेट और स्मार्टफोन ने शहर एवं गाँवों में गहराई से पैठ बनानी शुरू की हैं, बड़ी संख्या में शहरी और ग्रामीण युवा इन वर्चुअल खेलों के शिकार हो रहे हैं जिनकी रोकथाम के अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
आनलाइन जुए की लत जीवन खराब कर देती है
जब किसी इंटरनेट लिंक, वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए पैसे दांव पर लगाए जाते हैं तो इसे ऑनलाइन गैम्बलिंग या आनलाइन जुआ कहते हैं। इसमें पोकर, ब्लैकजैक, स्लॉट मशीन और कई अन्य तरह की सट्टेबाजी शामिल हैं। जब कोई आनलाइन जुआ खेलता है तो आपके सामने एक कंप्यूटर प्रोग्राम या एक व्यक्ति हो सकता है। नए यूजर्स को ऑनलाइन जुए की ओर आकर्षित करने के लिए शुरू शुरू में उन्हें मुफ्त गेम खेलने की पेशकश की जाती है और सोशल मीडिया के जरिए उन्हें टारगेट किया जाता है। ऐप को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि जुआ खेलने वाले लंबे समय तक खेलते रहें। वो खेल के दौरान इससे पूरी तरह चिपके रहते हैं। जब फ्री क्रेडिट खत्म हो जाते हैं तब इसमें अपने पैसे लगाने पड़ते हैं। जब आप पहली बार ये जुआं खेलते हैं तो इसके बाद आपको इससे जुड़े विज्ञापन मिलने लगते हैं जो आपको वापस गेमिंग वेबसाइट पर आने के लिए आकर्षित करते हैं।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं…
डिजिटल एक्सपर्ट कहते हैं कि युवा पीढ़ी आनलाइन जुए की और बड़ी तेजी से आकर्षित होती है। युवा पीढ़ी को जिस तरह से डिजिटल दुनिया की जानकारी है वो इस तरह के गेम्स से आसानी से जुड़ जाते हैं जिसकी भनक उनके माता-पिता को नहीं लगती है। एक आनलाइन जुए से जुडऩे के लिए आपको घर के बाहर अपने कदम निकालने की जरूरत तक नहीं पड़ती क्योंकि सब कुछ आनलाइन ही तो है। इस पूरी प्रक्रिया में आपको किसी के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव या आमने- सामने खेल में शामिल होने की जरूरत नहीं पड़ती लिहाजा जब आप आनलाइन जुआ खेल रहे होते हैं तो आपको कोई नहीं देखता है। चूंकि यह पूरी तरह से आनलाइन जुआ है तो इसमें पैसे भी आनलाइन ही लगाने होते हैं।
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