मृत व्यक्ति के नाम से ले ली 80 लाख की बीमा पॉलिसी, अब होगी पुलिस जांच
इंदौर। करीब 10 साल पहले एक मृत व्यक्ति के नाम से 80 लाख की जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy) ले ली गई थी। इस मामले में बीमा कंपनी (Insurance Company) की रिवीजन मंजूर कर सेशन कोर्ट (Sessions Court) ने मजिस्ट्रेट (Magistrate) को पुलिस (Police) से जांच (Investigation) कराने को कहा है।
श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (Shriram Life Insurance Company Limited) ने मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 156 (3) की अर्जी देकर पुलिस जांच की मांग की थी। उसका आरोप था कि वर्ष 2012 में रामफूलबाई निवासी खैरी, कन्नौद (देवास) ने मयूर नगर (Mayur Nagar), इंदौर के रहने वाले बद्रीलाल पुष्पद के साथ मिलकर पति तुकाराम के नाम से जालसाजीपूर्वक 40-40 लाख की दो जीवन बीमा पॉलिसी उससे ले ली थीं, जबकि पॉलिसी लेने की तारीख के तीन-चार महीने पहले ही तुकाराम की मौत हो चुकी थी। संबंधित पक्षों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट शिखा लोकेश दुबे ने 28 नवंबर 2021 को मामला देवास जिले (Dewas District) का होने से क्षेत्राधिकार का हवाला देकर अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद कंपनी ने सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका लगाकर कहा था कि कंपनी का क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर (Regional Office Indore) में है और यहीं पॉलिसी के दस्तावेजों पर दस्तखत हुए हैं, इसलिए इंदौर पुलिस से जांच कराई जाए। अपीलीय कोर्ट ने दस्तावेज देखने के बाद मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश में गंभीर त्रुटि मानकर उसे निरस्त कर दिया और मजिस्ट्रेट को आदेश दिए कि संबंधित थाना प्रभारी को पुलिस जांच के संबंध में उचित आदेश जारी करें।
क्राइम ब्रांच ने मामला देवास का बताकर पल्ला झाड़ा
मामले में पहले कंपनी ने एएसपी को शिकायत की तो उन्होंने क्राइम ब्रांच (Crime Branch) से जांच कराई, किंतु क्राइम ब्रांच ने मामला देवास (Dewas) का होना बताकर पल्ला झाड़ लिया था और देवास एसपी को इस बारे में लिखकर कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली थी। इसके बाद कंपनी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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