कोंडागांव । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal affected areas of Chhattisgadh) की तस्वीर (The Picture) बदल रही है (Is Changing) । गांव में बिजली पहुंचने से आधुनिक सुख-सुविधाओं का ग्रामीण बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं । इन क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सड़क योजना के सड़क नेटवर्क के साथ-साथ बिजली का भी नया नेटवर्क तैयार हो रहा है।
कोण्डागांव जिले के पश्चिमी छोर पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र में बसे कुधूर गांव में पिछड़ेपन और विकास की रोशनी से अछूता था। अतिसंवेदनशील स्थानों में नक्सल घटनाएं इन इलाकों के विकास में सबसे बड़ी बाधा थी। लेकिन अब यहां की तस्वीर बदल रही है। बिजली और सड़क की सुविधा मिलने से आने से लोगों के लोगों को सामाजिक, आर्थिक विकास के नए रास्ते खुले है। अब यहां प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना से गांव में बिजली की लाइने पहुंची हैं। गांव के लोग बहुत खुश हैं कि अब गांव तक आने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा सड़क भी बन गयी है। गांव में अब आटाचक्की, फोटो कापी दुकान खुल गयीं हैं। मोबाइल टावर लग जाने से पूरी दुनिया से इंटरनेट के माध्यम से युवा जुड़ रहे हैं और नये नये कौशल भी सीख रहे हैं।
कुधूर में उपस्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ आरएचओ पिलाराम कोर्राम ने बताया कि बिजली न होने से गंभीर रोगियों को तुरंत रेफर करना पड़ता था। महिलाओं को प्रसव के एक माह पूर्व ही गांव छोड़कर आस-पास के अपने रिश्तेदारों के पास जाना पड़ता था। पक्की सड़कों के न होने से एम्बुलेंस भी गांव नहीं आ पाती थी। अब प्रसव के साथ उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं भी हम ग्रामीणों को कुधूर में ही दे पा रहे हैं।
भारत सरकार ने शत-प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए देश के सभी गैर-विद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण हासिल करने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत सरकार ने अक्तूबर, 2017 में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना-सौभाग्य-योजना की शुरूआत की। इस योजना के तहत सभी अविद्युतीकृत घरों में अंतिम छोर के गांवो तक विद्युत कनेक्टिविटी और विद्युत कनेक्शन देने का प्रावधान रखा गया है।
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