नई दिल्ली। अमेरिका के न्यूयॉर्क (New York, America) में 2 माह पहले 62 साल का शख्स खूब चर्चा में आया था। रिचर्ड स्लेमन नामक आदमी (man named richard slayman) को डॉक्टरों ने सूअर की किडनी लगाई थी। लेकिन सर्जरी के दो माह बाद उसका देहांत हो गया है। रिचर्ड को लंबे समय से गंभीर बीमारी थी। जिसके बाद अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में मार्च माह में उनकी सर्जरी की गई थी।
डॉक्टरों ने जब उसको किडनी लगाई थी, तब इसे चिकित्सा जगत में बड़ी उपलब्धि बताया गया था। इस पूरी प्रक्रिया को जीनोट्रांसप्लांटेशन का नाम दिया जाता है। इस प्रक्रिया में किसी दूसरे जीव के अंग मानव में प्रत्यारोपित किए जाते हैं। इसको टिश्यू ट्रांसप्लांट भी कहा जाता है। डॉक्टरों ने दुनिया में किडनी की लगातार हो रही कमी को पूरा करने की दिशा में भी बेहतर कदम बताया था।
रिचर्ड की मौत के बाद डॉक्टरों ने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट के कारण उसकी जान नहीं गई है। रिचर्ड के परिवार में उसके जाने का दुख है। परिवार की ओर से कहा गया है कि प्यारा रिचर्ड उनके बीच नहीं है। वे गहरे दुखी हैं। लेकिन उनका परिजन बहुत से लोगों को प्रेरित कर गया, कहीं न कहीं इस बात से कुछ शांति मिली है। परिजनों ने डॉक्टरों का भी शुक्रिया अदा किया है। परिवार ने कहा कि डॉक्टरों ने उसे नया जीवन दिया था। जिसके कारण परिवार को कुछ और सप्ताह का वक्त रिचर्ड के साथ बिताने को मिल गया। वे हमेशा उनको याद रखेंगे।
बता दें कि किडनी निकालने से पहले काफी बदलाव डॉक्टरों ने सूअर में किए थे। सूअर के नुकसान करने वाले जीन हटा दिए गए थे। इंसान की जीन मिक्स करके प्रत्यारोपण किया गया था, ताकि किडनी आसानी से काम कर सके। इन्फेक्शन की आशंका को देखते हुए सभी वायरस खत्म किए गए थे। अस्पताल ने रिचर्ड की मौत पर शोक जताया है। साफ किया है कि ट्रांसप्लांटेशन के कारण उनकी डेथ नहीं हुई। वे किडनी की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए आशा की किरण थे। जीनोट्रांसप्लांटेशन की दुनिया में योगदान के लिए वे उनका शुक्रिया करते हैं।
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