मुंबई (Mumbai)। 1993 के मुंबई बम धमाकों के मास्टरमाइंड (Mastermind of Mumbai bomb blasts) दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की चार संपत्तियों की शुक्रवार को नीलामी हुई। इनमें से दो पर किसी ने बोली नहीं लगाई, जबकि महज 15,000 रुपये के बेस प्राइस वाली एक संपत्ति दो करोड़ रुपये में बिकी। अब सवाल उठता है कि आखिर किसने ये संपत्ति खरीदी है। तो आइए जानते है, भारत के मोस्ट वांटेड डॉन की संपत्ति खरीदने वाले दिल्ली के वकील अजय श्रीवास्तव के बारे में, जिन्हें हमेशा से दाउद की संपत्ति खरीदने में दिलचस्पी रही है।
इससे पहले बता दें, दाऊद इब्राहिम के परिवार के सदस्यों की दो संपत्तियां शुक्रवार को तस्कर और विदेशी मुद्रा का हेरफेर (संपत्ति की जब्ती) अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारी द्वारा आयोजित नीलामी में बेची गईं। महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के खेड़ तहसील के मुंबके गांव स्थित चार संपत्तियां नीलामी के लिए उपलब्ध थी, लेकिन उनमें से दो के लिए किसी ने बोली नहीं लगाई। हालांकि अन्य संपत्तियों के लिए क्रमशः चार और तीन बिल्डरों ने बोली लगाई, लेकिन एक व्यक्ति ने दोनों संपत्तियों के लिए सफल बोली लगाई।
कौन हैं दाउद की संपत्तियां खरीदने वाला शख्स?
वकील और पूर्व शिवसेना सदस्य अजय श्रीवास्तव एक ऐसा नाम है, जिनके बारे में अगर यह कहा जाए कि उन्हें दाऊद की संपत्तियों में बड़ी दिलचस्पी है तो यह गलत नहीं होगा। पहले भी वह डॉन की संपत्ति खरीद चुके हैं। वहीं इस बार भी वह नीलामी में बोली लगाने के लिए शामिल हुए। अजय ने अंडरवर्ल्ड डॉन की दो जमीनों को खरीदा है। इससे पहले उन्होंने साल 2001 में एक जमीन खरीदी थी।
ज्योतिषी में रखते हैं विश्वास
अजय श्रीवास्तव जो शिवसेना के नेता भी हैं, उनका कहना है कि वह खरीदी हुई जमीन पर एक सनातन स्कूल खोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने चार में दो जमीन खरीदी हैं। मैं ज्योतिष में बहुत विश्वास रखता हूं। इसलिए जमीन के सर्वे नंबर के चलते इतना पैसा खर्च किया है। यह संख्या मेरी जन्म तिथि से मेल खाती है। मैं इस जमीन पर एक सनातन स्कूल खोलना चाहता हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने दो अन्य जमीन पर इसलिए बोली नहीं लगाई क्योंकि वहां की सड़कें सही नहीं है।
दाऊद इब्राहिम का डर
उन्होंने कहा, ‘ मैं दाऊद जैसों का डर लोगों से निकालना चाहता हूं। कोई भी व्यक्ति जो देश के खिलाफ काम करेगा, उसे अंजाम तो भुगतना पड़ेगा। उनकी संपत्तियों को जब्त और बेचा जाएगा। इसलिए मैंने 2001 में लोगों के दिलों से दाऊद इब्राहिम का डर निकालने के लिए नीलामी में हिस्सा लिया था और उसके बाद कुछ लोग सामने आए।’
कानूनी पचड़े में फंसी जमीन
अजय श्रीवास्तव ने 2001 में जिन दुकानों के लिए बोली लगाई थी, वे कानूनी पचड़े में फंसी हुई हैं। फिर भी उन्हें उम्मीद है कि दाऊद की जमीन के दस्तावेज जल्द ही मिल जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। 2020 में मैंने इब्राहिम के रत्नागिरी स्थित बंगले को नीलामी में लिया और वहां सनातन पाठशाला की स्थापना की। ट्रस्ट के तहत, मैंने वहां एक शैक्षणिक संस्थान बनाया है और इसका निर्माण जल्द ही शुरू होगा।’
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