भोपाल। मप्र में करीब एक साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सत्ता, संगठन और संघ ने चुनावी तैयारी तेज कर दी है। भाजपा मैदानी सक्रियता के साथ ही मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों को भी जमीन पर उतार रही है। पार्टी के दिशा-निर्देश पर मंत्री, विधायक और पदाधिकारी किस तरह और क्या काम कर रहे हैं इस पर तीसरी नजर (प्रदेश सत्ता और संगठन के बाहर के नेता)रखी जा रही है। इसके लिए केंद्रीय संगठन के पदाधिकारी सत्ता और संगठन के कामकाज का आकलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में इनदिनों भाजपा के मुख्य संगठक बी सतीश फीडबैक लेकर मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों को टिप्स दे रहे हैं। साथ ही निर्देशित कर रहे हैं कि जमीन पर जाकर काम करें।
दरअसल, मप्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है। इसी कड़ी में इनदिनों भाजपा के मुख्य संगठक बी सतीश प्रदेश में सत्ता और संगठन के कामकाज का फीडबैक ले रहे हैं। वे प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों समेत अन्य नेताओं के संग बैठक कर संगठन के कामों की समीक्षा कर रहे हैं, वहीं इसके बाद प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ भी वन टू वन कर सरकार की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन की भी जानकारी ले रहे हैं। भाजपा कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की तो प्रदेश सरकार के मंत्री मोहन यादव और ओमप्रकाश सकलेचा के साथ वन टू वन मीटिंग की। इसके अलावा उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा और सांसद संपतिया उईके से ड्डभी मुलाकात की। सतीश अब तक आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के साथ वन टू वन कर चुके हैं।
तीन दिन से लगातार बैठकें
भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर वी सतीश पिछले तीन दिनों से भोपाल में हैं। वे पार्टी के विशेष अभियानों और मोर्चा के प्रभारी भी हैं। रविवार से वे लगातार पार्टी नेताओं की बैठकें ले रहे हैं। सोमवार को उन्होंने मोर्चा के अध्यक्षों और प्रभारियों के साथ बैठक की थी तो मंगलवार को प्रदेश पदाधिकारियों के साथ लंबी चर्चा कर जिलों में संगठन के कामकाज के हाल जाने। गौरतलब है कि भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी संभागों के प्रभारी भी हैं। सूत्रों की माने तो उन्होंने प्रदेश पदाधिकारियों से बातचीत के दौरान सिर्फ उनके कामकाज को लेकर बात की। अपनी ओर से ज्यादा कुछ नहीं कहा। सतीश ने पदाधिकारियों कहा कि चुनाव में जल्द जाना है। कैसी तैयारियां हैं। उन्होंने जो पदाधिकारी जिस संभाग या जिले का प्रभारी है उससे जिले की गतिविधियों समेत सामाजिक, जातिगत संतुलन समेत सत्ता संगठन में समन्वय पर चर्चा की।
तैयार कर रहे हैं फीडबैक रिपोर्ट
भाजपा सूत्रों ने बताया कि बी सतीश भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक प्रदेश कार्यालय में करते हैं वहीं मंत्रियों से उनकी मुलाकात अन्य स्थानों पर होती है। इसकी जानकारी प्रदेश कार्यालय को भी नहीं होती। सतीश मंत्रियों से उनके विभाग का फीडबैक तो ले ही रहे हैं, इसके साथ वे यह भी जान रहे हैं कि उनके विभाग की किस योजना से आम आदमी को कितना लाभ मिल रहा है और वह लोगों के बीच किस तरह से क्रियान्वित की जा रही है। सतीश आज भी भोपाल में रहकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। वे अपने फीडबैक से दिल्ली में पार्टी के आला नेताओं को अवगत कराएगें।
हर जिम्मेदार की कार्यशैली पर नजर
भाजपा सूत्रों की मानें तो चुनावी बेला होने के कारण प्रदेश में भाजपा ने सत्ता और संगठन पर तीसरी नजर रखनी शुरू कर दी है। अब हर जिम्मेदार व्यक्ति की कार्यशैली पर न केवल नजर रखी जाने वाली है, बल्कि उनके कामकाज की समीक्षा भी होगी। यह संकेत राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारियों के दौरों और बैठकों के चले दौर से साबित भी होने लगी है। लगातार सभी को हिदायत दी जा रही है कि जमीन पर जाकर काम करें। राज्य में भाजपा की सत्ता में हुई वापसी के बाद ढ़ाई साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, इस दौरान राज्य में 32 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुए है। इन उपचुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता मिली, मगर कई ऐसे क्षेत्रों में पराजय मिली जिन्हें भाजपा अपना गढ़ मानती रही है। साथ ही जीत के लिए भाजपा को अच्छा खासा पसीना भी बहाना पड़ा है। लगभग एक साल बाद फिर विधानसभा के चुनाव होना है। इन चुनाव में भाजपा किसी तरह का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। लिहाजा हर तरह से तैयारी तेज कर दी गई है।
आलाकमान जोखिम उठाने को तैयार नहीं
राज्य के बीते दो-तीन की पार्टी की गतिविधियों पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि पार्टी का राष्टीय नेतृत्व किसी तरह का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री मंत्री शिवकुमार, राष्टीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल का दौरा हुआ। इस दौरान विधायकों, मंत्रियों और पदाधिकारियों से एक-एक कर बात हुई। अब बी सतीश बैठकें कर फीडबैक ले रहे हैं। वे भी तमाम लोगों के साथ बैठकें कर रहे है, साथ ही पदाधिकारियों से लेकर संगठन के लेागों को टिप्स दे रहे है। साथ ही आगाह कर रहे है कि अब चुनाव के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचा है। सभी केा जमीन पर जाकर काम करने की हिदायतें लगातार दी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि संगठन ने सत्ता से जुड़े लोगों, मंत्रियों और अन्य पदों पर तैनात लोगों के अलावा संगठन से जुड़े लेागों की कार्यशैली पर नजर रखना शुरु कर दिया है। अभी उन्हें हिदायतें दी गई है और आने वाले समय में हर किसी के काम की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद पार्टी कई बड़े फैसले भी ले सकती है। भाजपा से जुड़े लोगों का कहना है कि पार्टी के लिए हमेशा से ही राज्य एक प्रयोगशाला के तौर पर रहा हैं। यही कारण रहा है कि यहां लगातार नए-नए प्रयोग किए जाते रहे है, यहां संगठन की क्षमता और कार्यशैली अन्य राज्यों के लिए नजीर रही है। अब राज्य में पार्टी सत्ता और संगठन में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा कसावट लाकर नई रणनीति पर काम करने का मन बना रही है। वहीं भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल अब मध्यप्रदेश से ज्यादा छत्तीसगढ़ पर फोकस करेंगे। सूत्रों की माने तो केन्द्रीय नेतृत्व ने उनसे ऐसा करने को कहा है, हालांकि इसके साथ वे मध्यप्रदेश के दौरे भी लगातार करते रहेंगे। प्रदेश में राष्ट्रीय महामंत्री शिवप्रकाश और वी सतीश के दौरे अब ज्यादा बढ़ेंगे।
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