नागांव। असम के नागांव (Nagaon of Assam) में एक दिन पहले कुछ लोगों ने थाने में आग लगा दी थी। इसके बाद आरोपियों के घरों पर प्रशासन (Administration) ने बुलडोजर चलवा दिया। सलोनाबोरी गांव के लगभग 40 लोगों की भीड़ ने बाताद्रवा पुलिस स्टेशन (Police Station) में आग लगा दी थी। उनका कहना था कि एक शख्स की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। नागांव जिला प्रशासन (Nagaon District Administration) ने मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा पुलिस स्टेशन के प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है। रविवार सुबह गांव में बुलडोजर पहुंचा और जो लोग थाने में आग लगाने में शामिल थे, उनके घर ढहा दिए गए।
असम स्पेशल डीजीपी जीपी सिंह ने कहा, भीड़ में 40 लोग थे। सात की पहचनान की जा चुकी है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 21 अन्य को भी पकड़ा गया है। उन्होने कहा, हिरासत में हुई मौत के मामले में पुलिसवालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन ऐसे आरोपों के बाद यह बिल्कुल रही नहीं है कि आप किसी पुलिस स्टेशन को आग लगा दें। उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान करने के लिए वीडियो फुटेज देखा जा रहा है।
घरों पर बुलडोजर चलाने के आदेश के बाद बारपेटा से कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक (Congress MP Abdul Khaleque) ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, मैं पुलिस स्टेशन पर हमले का कभी समर्थन नहीं करता। लेकिन पुलिस द्वारा हमला करने वालों का घर ढहा दिया जाना, मानवाधिकार का उल्लंघन है। पुलिस के मुताबिक सलोनाबोरी गांव के एक मछली बेचने वाले के शराब पीने के कारण पुलिस उसे थाने ले गई थी।
अगले दिन पुलिस ने कहा कि शख्स की पत्नी उसे लेकर अस्पताल गई और वहां उसकी मौत हो गई। हालांकि परिवार का कहना है कि जब वे अस्पताल पहुंचे तो शख्स की मौत हो चुकी थी। असम पुलिस के डीजीपी के मुताबिक शख्स को उसकी पत्नी के हवाले किया गया था और उन्होंने उसे खाना पानी भी दिया था। लेकिन बीमार होने की शिकायत के बाद उसे अस्पता ले जाया गया था। वहीं इस्लाम के परिवार का कहना है कि पुलिस ने उन्हें छोड़ने के लिए 10 हजार रुपये मांगे थे।
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