शहर का अपोलो हास्पिटल आधुनिक तकनीक से बना भारत का पहला डे केयर
इन्दौर। जोड़ प्रत्यारोपण के क्षेत्र में शहर के अपोलो अस्पताल ने एक और नई बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए घुटने के बाद कूल्हे का प्रतिस्थापन करने के बाद एक ही दिन में मरीज को अपने पैरों पर चलाते हुए 12 घंटे से भी कम समय में डिस्चार्ज कर नया कीर्तिमान अपने नाम किया है।
अपोलो हॉस्पिटल्स इंदौर ने आज घुटने और कूल्हे के प्रतिस्थापन के लिए देश का पहला डे केयर सेंटर बनकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जहां प्रतिस्थापन के बाद उसी दिन मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। तीन साल से दोनों कूल्हे के जोड़ों में गंभीर दर्द से पीडि़त 30 वर्षीय महिला पर की गई यह डे केयर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी मध्यभारत में पहली और देश में दूसरी बार की गई डे केयर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी है। इस सर्जरी में प्रोस्टेटिक घटकों के साथ क्षतिग्रस्त बाएं कूल्हे के जोड़ को बदलना था। इस जटिल सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट होने के 12 घंटे से कम समय में उसी शाम अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। यह पारंपरिक सर्जरी से कहीं बेहतर है, जिसमें मरीज को सर्जरी के बाद की देखभाल के लिए एक सप्ताह से दस दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता था। 12 घंटे से भी कम समय में डिस्चार्ज होने के कारण अस्पताल में रहने के दौरान होने वाले इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है। इस माइलस्टोन के साथ इंदौर स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स भारत और दुनिया के कुछ हिस्सों में डे केयर (घुटने और कूल्हे) का संयुक्त रिप्लेसमेंट करने वाला एकमात्र केंद्र बन गया है।
25 प्रतिशत कम खर्च आता है इस नई पद्धति से
अपोलो ग्रुप हॉस्पिटल्स के प्रेसीडेंट डॉ. के. हरिप्रसाद का कहना है कि रोगियों को सर्वोत्तम सेवाएं एवं सुविधाएं प्रदान करने में मदद करने वाली अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक लाने में अपोलो हॉस्पिटल हमेशा अग्रणी रहा है। मिनिमली इन्वेसिव या रोबोटिक सर्जरी और बेहतर दर्द प्रबंधन विधियों जैसी बेहतर सर्जिकल तकनीकों के कारण अब मरीजों की रिकवरी पहले से अधिक तेज और आसानी से होती है। इसी वजह से सामान्य तौर पर किए जाने वाले इलाज से आधुनिक तकनीक से किए गए इलाज में 20 से 25 प्रतिशत कम खर्चा होता है। हमें गर्व है कि अपोलो हॉस्पिटल्स इंदौर घुटने और कूल्हे के प्रतिस्थापन के लिए देश का पहला डे केयर सेंटर बन चूका है।
30 वर्षीय महिला की सर्जरी कर बनाया नया कीर्तिमान
अपोलो हास्पिटल्स इन्दौर के सर्जन डॉ. सुनील राजन ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से दोनों कूल्हे के जोड़ों में गंभीर दर्द से पीडि़त राजस्थान की एक 30 वर्षीय महिला को अपोलो अस्पताल इंदौर रैफर किया गया था। उनका बायां पैर लगभग 3 सेमी छोटा हो गया था और दर्द इतना बढ़ चुका था कि वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं। विभिन्न स्थानों पर उपचार से कोई राहत नहीं मिलने के बाद वह 15 सितंबर 2020 को मुझसे परामर्श लेने अपोलो अस्पताल आईं। हमने उन्हें कूल्हे के जोड़ों के प्रतिस्थापन की सलाह दी। कोविड के संक्रमण के भय से सहमी महिला और उनके परिवार को हमने डे केयर टोटल हिप रिप्लेसमेंट का विकल्प प्रदान किया तो उन्होंने अपनी सहमति दे दी।
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