भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के (BJP) पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं खंडवा संसदीय क्षेत्र से सांसद नंदकुमार चौहान (Nandu bhaiya ) के कोरोना के चलते निधन हो जाने के से प्रदेश भाजपा में शोक की लहर व्याप्त है। इसके चलते राज्य भर में चल रहे पार्टी के सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि नंदकुमार जी का हमारे बीच से जाना पार्टी की बहुत बड़ी क्षति है। निश्चित तौर पर इससे उबरना हमारे लिए मुश्किल है। उन्होंने कहा कि तत्काल अपने सभी कार्यक्रम भाजपा स्थगित करती है।
विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि खंडवा से छह बार सांसद (MP) और पूर्व दो बार विधायक तथा भाजपा के लगातार दो बार अध्यक्ष रहे नंदू भैया ने पार्टी को प्रदेश में घर-घर पहुंचाने का कार्य किया है। प्रदेश का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं, जहां वे नहीं गए और भाजपा के कार्य को आगे बढ़ाने और हम जैसे तमाम कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने का कार्य उन्होंने नहीं किया हो। उनकी प्रेरणा से भाजपा के कार्य में बहुत व्यापक विस्तार हुआ है। आज उनके जाने से भाजपा के कार्यकर्ता बेहद दुखी हैं। उनकी कमी को कोई और पूरा नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि दोपहर 2.00 बजे भोपाल एयरपोर्ट पर उनका पार्थिव शरीर लाया जाएगा। उसके बाद पार्टी कार्यालय पर उनके अंतिम दर्शन के लिए उन्हें लाया जाएगा। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव बरानपुर ले जाएगा, जहां उनके निवास पर अंतिम दर्शन के बाद कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
नंद कुमार सिंह चौहान( Nandu bhaiya )का राजनीतिक सफर
बुरहानपुर जिले के शाहपुर में नंदकुमार सिंह चौहान का जन्म 8 सितम्बर 1952 में हुआ था। पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा के बाद उन्होंने राजनीति को अपने कैरियर के रूप में चुना और भाजपा में शामिल हुए। बुरहानपुर जिले में स्थित शाहपुर नगर पालिका में वर्ष 1978-80 व1983-87 तक शाहपूर बुरहानपुर अध्यक्ष के तौर पर भाजपा से विजय होकर नगर अध्यक्ष रहे। इसके बाद सन् 1985-96 तक लगातार 2 बार भाजपा से विजयी होकर मध्य प्रदेश विधानसभा के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे थे। सन 1996 को 11वें लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें खंडवा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया था। इसमें वे विजयी हुए थे, लेकिन उनका कार्यकाल 1996-97 तक ही रहा, क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने त्यागपत्र देकर सरकार निरस्त कर दी थी। इसके बाद सन 1998 में उपचुनाव में 12वीं लोकसभा चुनाव में वे दूसरी बार खंडवा क्षेत्र से विजयी हुए। यह कार्यकाल भी 1998-99 तक ही रहा, जिसका मुख्य कारण वाजपेयी सरकार के समर्थक पार्टी का समर्थन वापस लेना था। सन 1999 में 13वीं लोकसभा उपचुनाव में फिर से भाजपा ने खंडवा क्षेत्र से इन्हें उम्मीदवार बनाया। इसमें भी वे तीसरी बार विजयी हुए। इसने इनका कार्यकाल 1999-2004 तक 5 वर्ष पूर्ण चला।
इसके बाद सन 2004 में 14वीं लोकसभा चुनाव में वे चौथी बार फिर से खंडवा क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए परंतु वे विपक्ष में बैठे क्योंकि केंद्र में मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार बन चुकी थी। फिर सन 2009 के 15वीं लोकसभा चुनाव में उन्हें फिर से खंडवा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया परंतु इसबार वे कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव से चुनाव हार गए थे। उन्हें पार्टी ने मध्य प्रदेश का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, परंतु सन 2013 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें हटाकर नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। उन्हें 16वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पुन: खंडवा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। इसमें वे चुनाव में विजयी हुए। उन्हें पुन: मध्य प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था, लेकिन सन 2018 में उन्होंने अपना त्यागपत्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से दे दिया। ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य कर सकें। एजेंसी
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