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    इंदौर में तय होगी देवी अहिल्या की याद में देशभर में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा

  • May 24, 2024

     

    • घर-घर पहुंचाई जाएगी देवी अहिल्या के पराक्रम और शासन की कहानी
    • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा में हुआ था बड़ा फैसला
    • त्रिशताब्दी जयंती महोत्सव पूरे साल मनेगा धूमधाम से, होंगे कई कार्यक्रम
    • 60 सदस्यीय आयोजन समिति में संघ का एक भी पदाधिकारी नहीं

    इंदौर। अपने पराक्रम और शासन (might and rule) के लिए देश (country) ही नहीं, विदेश (foreign) में भी अलग पहचान रखने वाली देवी अहिल्याबाई होलकर (devi ahilyabai holkar) की शौर्यगाथा (saga of bravery) को अब घर-घर पहुंचाने की तैयारी है। उनके त्रिशताब्दी जयंती वर्ष (tricentenary year) में सालभर चलने वाले इन आयोजनों की रूपरेखा इंदौर (indore) में तय होगी और देश के अलग-अलग शहरों और कस्बों में बड़े आयोजन होंगे। इसके लिए एक केंद्रीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व रहेगा।



    नागपुर में हुई संघ की प्रतिनिधि सभा में इस आयोजन को लेकर प्रारंभिक चर्चा हुई थी। संघ की मंशा थी कि इस वर्ष को पूरे देश में समारोह के रूप में मनाया जाए और इस आयोजन के सूत्र समाज के प्रभावशाली लोग संभालें। वे ही कार्यक्रम का स्वरूप तय करें और धूमधाम से आयोजित भी करें। चूंकि देवी अहिल्या का इंदौर और महेश्वर से गहरा रिश्ता रहा है, इसलिए आयोजन समिति की पहली बैठक में ही यह तय हो गया था कि इसका मुख्यालय इंदौर ही रहेगा। आयोजन समिति में देशभर के करीब 60 लोग शामिल हैं। इनमें पूर्व राज्यपाल, सेना में प्रमुख पदों पर रहे लोग, शिक्षाविदों के साथ ही धर्म, समाज और संस्कृति से जुड़े प्रमुख लोग सदस्य हैं। संघ का कोई भी पदाधिकारी इस आयोजन समिति में शामिल नहीं है।
    यह भी तय किया गया कि देवी अहिल्या के महान चरित्र को अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से गांव से लेकर शहर तक हर वर्ग में पहुंचाया जाए। व्याख्यान, प्रबोधन, नाट्य मंचन, भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिताओं के साथ ही देवी अहिल्या के चरित्र और साहसिक प्रसंगों के नाट्य रूपांतरण जैसे कई आयोजन होंगे। देश के विश्वविद्यालयों और प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में देवी अहिल्या के जीवन और शासन पर रिसर्च शुरू हो इसकी पहल भी आयोजन समिति की ओर से की जा रही है। कार्यक्रमों का संयोजन कुछ इस तरह से किया जा रहा है कि इसमें मातृशक्ति, युवा, ग्रामीण और वरिष्ठ वर्ग के लिए अलग-अलग स्वरूप में आयोजन रहे। आयोजन समिति की ओर से यह पहल भी की गई है कि अलग-अलग संस्थानों के माध्यम से देवी अहिल्या की याद में होने वाले कार्यक्रम इस त्रिशताब्दी जयंती वर्ष में समिति के बैनर तले ही हों।

    31 मई को आचार संहिता के साए में मनाया जाएगा अहिल्या उत्सव
    इंदौर की राजमाता देवी अहिल्याबाई की 300वीं जन्म जयंती पर जिला प्रशासन आचार संहिता के साए में भव्य उत्सव की तैयारी कर रहा है। नगर निगम, स्वयंसेवी संगठन की मदद लेकर 31 मई को अभय प्रसाल में भव्य आयोजन किया जाएगा। इसके लिए सामाजिक संगठनों द्वारा जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। वहीं, देवी अहिल्या के संस्मरण को सुनाने के लिए विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अभय प्रसाल परिसर में अहिल्या माता से जुड़े प्रसंग और गौरव गाथाओं को लेकर भव्य प्रदर्शनी लगाई जा रही है।
    हालांकि, आचार संहिता लगी है, इसलिए प्रोटोकॉल के हिसाब से तैयारी की जा रही है। 300वीं जन्म जयंती उत्सव मनाने के लिए नगर निगम भी तैयारी करने में जुट गया है। छात्र-छात्राओं को देवी अहिल्या की गौरव गाथा और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं का ज्ञान हो सकें, इसके लिए विशेष प्रदर्शनी सजाई जा रही है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में जहां विभिन्न सामाजिक संगठनों के बच्चे और बड़े अपनी प्रस्तुति देंगे। वहीं, संस्थाओं के बच्चे भी इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।

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