इंदौर, अरविंद तिवारी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बुलावे पर पहली बार सामूहिक चर्चा के लिए भोपाल पहुंचे इंदौर के विधायकों ने एकजुट होकर सरकार से एक बड़ा फैसला करवा दिया। इन विधायकों ने, जिनमें प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हैं, एक स्वर में मुख्यमंत्री से कहा था कि नाइट कल्चर इंदौर की सेहत के लिए ठीक नहीं है। बीआरटीएस कॉरिडोर के आसपास 24 घंटे दुकान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले रखने का निर्णय वापस होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सबको सुना और फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में मौजूद कलेक्टर आशीष सिंह से कहा- आज ही निर्णय लीजिए। यदि यह व्यवस्था ठीक नहीं है, इससे शहर को नुकसान हो रहा है, कानून और व्यवस्था प्रभावित हो रही है तो इसे वापस लिया जाना चाहिए। नतीजा यह रहा कि बैठक में शामिल होने के बाद विधायक इंदौर पहुंचे इसके पहले ही कलेक्टर ने बीआरटीएस कॉरिडोर के आसपास 24 घंटे दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान चालू रहने के पुराने आदेश को निरस्त कर दिया।
शुक्रवार सुबह जब मुख्यमंत्री अपने निवास पर स्थित समत्व भवन में इंदौर संभाग के विधायकों से रूबरू हो रहे थे, तब इंदौर के सभी विधायकों ने पहला मुद्दा यही उठाया। बात की शुरुआत विजयवर्गीय ने की और फिर गोलू शुक्ला, मधु वर्मा, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ और महेंद्र हार्डिया भी उनके साथ हो गए। सबने कहा- वर्क कल्चर इन नाइट की ओर बढ़ रहे इंदौर में जिस मकसद से और जिनके लिए यह व्यवस्था लागू की गई थी उन्हें तो इसका फायदा ही नहीं मिल रहा है। उनके व्यावसायिक संस्थानों में ही इतनी अच्छी व्यवस्था है कि उन्हें वहां से बाहर निकालने की आवश्यकता ही नहीं महसूस होती। इससे इतर इस सिस्टम का दुरुपयोग हो रहा है। बाहर से इंदौर में पढ़ने के लिए आए युवक-युवतियां देर रात तक सड़कों पर घूमते रहते हैं। चौराहों पर हुल्लड़ होने लगी है। और अब तो इसके कारण कानून व्यवस्था प्रभावित होने लगी है। नशाखोरी और विवाद बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सबको ध्यान से सुना। वे ज्यादातर बातों से सहमत नजर आए। उन्होंने इस पर अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा के साथ ही संभाग के प्रभारी एडीजी आदर्श कटिहार की भी राय ली। फिर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट किया। यह मुद्दा पहले भी उनके सामने उठ चुका था। बैठक के दौरान यह स्पष्ट हो गया था कि मुख्यमंत्री भी इंदौर में नाइट वर्किंग को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई इस व्यवस्था की आड़ में जो कुछ हो रहा है उससे खुश नहीं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में मौजूद इंदौर के अफसरों ने विधायकों की राय से वाकिफ होने तथा मुख्यमंत्री के रुख को भांपने के बाद बिलकुल देर नहीं की और विधायक इंदौर लौटे उसके पहले तो आदेश ही जारी हो गया।
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