- तीर्थों की सुरक्षा के लिए जैन समाज को संगठित होकर कार्य करना होगा, प्रदेश की सरकार और प्रशासन जैन समाज को कमजोर ना समझे: : आचार्य पुलक सागर महाराज
आष्टा। देश में जैन तीर्थों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं ।जैन तीर्थ आज लूटे जा रहे हैं तथा अतिक्रमण किया जा रहा है । चाहे सम्मेद शिखरजी हो, गिरनार जी हो , पालिताणा हो या फिर इंदौर का गोमटगिरी हो इन पर लोगों की नजर लगी हुई है। एक साजिश और एक षड्यंत्र रचा जा रहा है ।जिसके चलते जैन तीर्थ खतरे के निशान पर आ गए हैं ।प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हैं कि जैन तीर्थों की सुरक्षा करें ।जैन तीर्थों का विध्वंस व लूटने के लिए सरकार नहीं बनाई थी ।उच्च न्यायालय के आदेश का अपमान इंदौर की गोमटगिरी पर हो रहा है ।कानून आंखें बंद करके बैठा हुआ है। प्रदेश में जैन समाज की संख्या कम नहीं है। वहीं प्रदेश से अधिक संख्या में साधु भी बने हुए हैं। जैन समाज बलिदान देने में पीछे नहीं रहेगा। तीर्थों की रक्षा के लिए जैन समाज में किसी भी जगह पर कब्जा नहीं किया है ,अगर सरकार को तीर्थ बनाना है तो प्रदेश में ऐसे अनेक स्थान है, जहां पर नदियां एवं हरियाली है ,वहां पर तीर्थ बनाया जाए ।जैन समाज पूरे प्रदेश में कलेक्टर एवं प्रशासन को गोमटगिरी की रक्षा के लिए ज्ञापन देवें।
उक्त बातें शांतिदूत की उपाधि से विभूषित जिनशरणाम तीर्थ के प्रणेता आचार्य पुलक सागर महाराज ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए एवं जैन समाज को जागृत करते हुए कहीं। आपने कहा कि तीर्थो की सुरक्षा के लिए समाज को संगठित होकर एक आवाज पर काम करना होगा। तीर्थों के रखरखाव के साथ ही उनकी सुरक्षा आज अहम विषय बन गया है, अभी गोमटगिरि तीर्थ इन्दौर की बात आई थी इतनी बड़ी समाज जो देश की प्रमुख समाजों में इंदौर समाज मानी जाती है फिर भी गोमटगिरि पर असामाजिक तत्वों द्वारा अतिक्रमण की कोशिश की जा रही है ,जो समाज के लिए चिंता की बात है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैन तीर्थों की सुरक्षा करें, जैन समाज ने चुनाव में जिताया है तो आगामी चुनाव में परिणाम परिवर्तित भी कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि समाज को ये विचार करना पड़ेगा कि कहीं न कहीं हम अपनी बात सरकार तक संगठित होकर नहीं रख पा रहे। तीर्थों की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवॉल यथा शीघ्र बनाए जिससे क्षेत्र सुरक्षित हो।
आचार्य पुलक सागर महाराज ने कहा कि आज सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवॉल तीर्थों पर बहुत आवश्यक है। आपने कहा हमारे गुरु गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज ने पुष्पगिरी तीर्थ की बाउंड्रीवॉल बनवाई तथा ज्ञानोदय तीर्थ अजमेर राजस्थान 300 एकड़ में फैला है,पुंगव सुधा सागर महाराज ने सबसे पहले उसकी बाउंड्री बनवाई ।समाज चाहें तो सब हो सकता है, गोमटगिरि तीर्थ तो 50-60 बीघा जमीन में बताते हैं ,समाज को चेतना होगा। आचार्य श्री पुलक सागर महाराज ने कहा इंदौर समाज प्रबुद्ध समाज मानी जाती है, फिर उदासीनता क्यों, चेतो जगो और प्रदेश का जैन समाज मिलकर सरकार तक अपनी बात रखो, समाधान मिलेगा।