इंदौर. अगर नागपुर (Nagpur) से विशेष आदेश नहीं आता तो कल शायद ही बागेश्वर पीठाधीश्वर (Bageshwar Peethadheeswar) धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) इंदौर (Indore) आते। इधर दोपहर तक इंदौर में इंतजार कर रहे आयोजकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंचने लग गई थीं। ताबड़तोड़ फोन लगाए गए और नागपुर संघ मुख्यालय से एक बड़े पदाधिकारी ने खुद शास्त्री से बात की और कहा कि इंदौर में हजारों की संख्या में लोग उनका इंतजार कर रहे हैं, उन्हें जाना तो पड़ेगा। उसके बाद शास्त्री का विमान शाम 5 बजे खजुराहो से उड़ा और वे इंदौर पहुंचे। हालांकि स्वास्थ्यगत कारणों के चलते उन्होंने मात्र 35 मिनट का ही उद्बोधन दिया और अगली बार जल्द ही इंदौर में यात्रा निकालने का कहकर रवाना हो गए।
दरअसल 9 दिन की पदयात्रा के बाद उनके पैरों में छाले पड़ गए और उन्हें कल सुबह बुखार भी आ गया था। हिन्दू आध्यात्मिक सेवा संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी उनसे लगातार संपर्क में थे, लेकिन बात नहीं बन पा रही थी। हालांकि उन्होंने पहले आने की हामी भर दी थी। जब संस्थान के लोगों से बात नहीं बनी तो उन्होंने नागपुर संघ मुख्यालय से संपर्क किया और कहा कि इंदौर में बड़ा आयोजन है और सुबह से हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए थे। भले ही वे थोड़े समय के लिए पहुंचे, लेकिन उनका आना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार संघ मुख्यालय से ही एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सीधे पं. शास्त्री से बात की और कहा कि इंदौर के कार्यक्रम में उन्हें जाना ही पड़ेगा, क्योंकि ये लोगों की आस्था का सवाल है। ना-नुकूर के बीच शाम को तय हुआ कि पं. शास्त्री इंदौर जाएंगे। उनके लिए खजुराहो एयर स्ट्रिप पर पहले ही एक चार्टर्ड विमान खड़ा हुआ था। वे पांच बजे वहां से रवाना हुए और इंदौर पहुंचे, तब तक अंधेरा हो चुका था। उनके चेहरे पर खराब स्वास्थ्य की निशानी झलक रही थी, लेकिन जब उन्होंने हिन्दुत्व पर बोलना शुरू किया तो 40 मिनट तक लगातार बोलते रहे और कई बार उन्होंने कट्टर हिन्दू बनने की बात भी कही। उन्होंने ऐसे कई उदाहरण दिए, जिससे हिन्दू राष्ट्र अब इस्लामिक या अन्य धर्म के हो गए हैं। उन्होंने शहरवासियों को 24 फरवरी को धाम में होने वाले 108 दलित, 251 कन्याओं के विवाह समारोह में आने का निमंत्रण भी दिया।
भारत से अलग हुए देशों के दिए उदाहरण
उन्होंने कहा कि जो देश भारत से अलग हो चुके हैं, वहां के उदाहरण देखो। पहले बर्मा, रंगून तक हमारा जलवा था। पाकिस्तान, बांग्लादेश अलग हुए। वहां हिन्दू थे, लेकिन अब हालात क्या है? इंडोनेशिया में हिन्दू नहीं बचे, नेपाल हिन्दू राष्ट्र नहीं रहा। इसी तरह त्रिपुरा, असम, मेघालय, केरल में भी हो रहा है। बाबा ने चेताया कि वह दिन दूर नहीं जब हमारी बेटी आशा से आशिया और बेटा शुभम से साहिल हो जाएगा। इसलिए अभी भी वक्त है जागो।
कुत्ते और मधुमक्खी का उदाहरण देकर समझाया
बाबा ने कुत्ते और मधुमक्खी का उदाहरण देकर समझाया कि हम एक पत्थर से कुत्ते को मारते हंै तो वह भाग जाता है और उसी पत्थर से अगर मधुमक्खीके छत्ते को मारा जाए तो वह हमारे पीछे हमला करने दौड़ जाती है। इसी उदाहरण से हमें बहुत कुछ समझना चाहिए। हम एकता में बंधे रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। किसी भी राजनेता का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि जात-पात का बंधन तोडक़र हमें एक होना ही होगा।
फूड स्टॉल पर उमड़ पड़ी भीड़
सेवा मेले में फूड स्टॉल भी लगाए गए थे। सामान्य दिनों के मुकाबले यहां कल ज्यादा भीड़ देखने को मिली। जब शास्त्रीजी समय पर नहीं आए तो लोगों को भूख लगने लगी और उन्होंने फूड स्टॉल का रूख कर लिया। एक समय तो वहां बहुत ज्यादा भीड़ हो गई। शनिवार को स्टॉल वालों को भी अच्छा-खासा फायदा हो गया।ै
भीड़ को संभालना रहा मुश्किल भरा
दोपहर 12 बजे तक बड़ी संख्या में कार्यक्रम में लोग पहुंच चुके थे। आयोजकों को भी आशा थी कि दोपहर 2 बजे तक कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा, लेकिन जब इंतजार बढ़ता गया तो भीड़ को संभालना मुश्किलभरा लगने। भजनों और भाषणों के माध्यम से आयोजक लगातार लोगों को बांधने की कोशिश करते रहे। हालांकि दर्शन को बेकरार भक्त अंत समय तक वहीं डटे रहे।
शाम को ठंड से ठिठुरते रहे, फिर भी डटे रहे
बागेश्वर पीठाधीश्वर की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग सुबह से लालबाग पहुंच गए थे। सुबह से शाम हो गई तो ठंड बढ़ गई। आसपास हरियाली होने और आयोजन स्थल खुला होने के कारण ठिठुरन भी बढ़ गई थी, फिर भी उनके भक्त डटे रहे और जब वे मंच पर आए, तब तक पूरा ग्राउंड खचाखच भर गया। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे थे।
मंच पर ही आयोजकों की भीड़ ने घेर लिया बाबा को
जैसे ही बाबा मंच पर पहुंचे आयोजकों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। बाबा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें वहां से हटाया। कई उनके साथ सेल्फी और फोटो लेने के लिए मंच पर ही डटे रहे।
आज गर्भवती महिलाओं के लिए संस्कार शिविर
चौथे दिन आज गर्भवती माताओं के लिए संस्कार शिविर का आयोजन रखा गया है, जिसमें संत आशीर्वचन देंगे। सुबह माता-पिता पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
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