लाहौर। मुख्य विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन ने पीएम इमरान खान को देश में शासन करने और आर्थिक संकट रोकने के लिए धार्मिक विचारधारा और सुधारों का इस्तेमाल करने को लेकर उन्हें एक ‘धार्मिक शोषक’ करार दिया।
एक दिन पहले स्थानीय मीडिया में खान के लेख ‘स्पिरिट ऑफ रियासत-ए-मदीना : ट्रांसफार्मिंग पाकिस्तान’ पर प्रतिक्रिया जताते हुए पीएमएल-एन के नेताओं ने पूर्व क्रिकेटर को फटकार भी लगाई। विपक्षी पार्टी के नेताओं ने राजनीतिक लाभ और लोकलुभावनवाद का जहर घोलने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की तीखी आलोचना की।
पीएमएल-एन के अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्षी नेता शहबाज शरीफ ने कहा, जिस तरह से प्रधानमंत्री देश में आर्थिक संकट से बचने के लिए धर्म का इस्तेमाल शासन चलाने के लिए कर रहे हैं वह बेहद खतरनाक है। उन्होंने अफसोस जताया कि इस तरह के स्वार्थी दृष्टिकोण से राजनीति को जितना समझा जा रहा है, उससे देश को कहीं अधिक नुकसान होगा। शरीफ ने खान के लेख को लूट, अक्षमता और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए धर्म की आड़ लेने की कोशिश बताया।
इमरान खान की पार्टी के 150 जन प्रतिनिधियों की सदस्यता निलंबित
पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग ने संपत्ति और देनदारियों का विवरण नहीं देने पर सूचना मंत्री फवाद चौधरी और सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री सैय्यद मुराद अली शाह समेत करीब 150 जन प्रतिनिधियों की सदस्यता निलंबित कर दी है।
पिछले साल भी आयोग ने 154 जन प्रतिनिधियों की सदस्यता निलंबित की थी लेकिन बाद में विवरण जमा कराने पर उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई थी। इससे पहले इमरान की पार्टी को उस वक्त संकट का सामना करना पड़ा जब सत्तारूढ़ दल ने 2009-10 और 2012-13 के बीच चार साल की अवधि में 31.20 करोड़ पाकिस्तानी रुपए को विदेशों से मिले चंदे की जानकारी छुपाई।
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