नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत बनाम इंडिया और उदयनिधि के सनातन धर्म विरोधी बयान के मामले में विपक्ष पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा, संविधान देश को भारत कहने की आजादी देता है, मगर विपक्ष को इस पर आपत्ति है। इसी विपक्ष को अपने नेता की सनातन धर्म को नष्ट करने की धमकी में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगता।
पीएम मोदी ने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा कि देश को भारत कहने का अधिकार हमें संविधान देता है, मगर क्या यही संविधान किसी को सनातन धर्म को समूल नष्ट करने की धमकी देने का अधिकार देता है? विपक्ष के इस दोहरे मापदंड को देश देख रहा है। ऐसा बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य है और हमें इस मामले में कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराते हुए विपक्ष को कठघरे में खड़ा करना चाहिए।
पीएम मोदी ने भारत नाम पर विपक्ष के एतराज पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा, सदियों से देश का नाम भारत है। ऐसे में विपक्ष की आपत्ति समझ से परे है। समझ में नहीं आता कि विपक्ष को भारत पर आपत्ति क्यों है? हालांकि इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, इंडिया बनाम भारत मामले में अधिकृत मंत्री ही सरकार का पक्ष रखें। प्रधानमंत्री ने सनातन विरोधी वक्तव्य के मामले में सभी मंत्रियों को खुलकर विरोध जताने की न सिर्फ इजाजत दी, बल्कि ऐसा करने का आह्वान भी किया।
पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से जुड़े मेहमानों के लिए राष्ट्रपति की ओर से आयोजित रात्रिभोज में मंत्रियों-मुख्यमंत्रियों को बस से पहुंचने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, मंत्री व मुख्यमंत्री पहले संसद भवन परिसर में एकत्र होंगे और वहां से बस से रात्रिभोज स्थल जाएंगे। पीएम ने सम्मेलन के दौरान सभी मंत्रियों को दिल्ली में ही रहने और इस दौरान वीआईपी सुविधाओं से परहेज करने के लिए भी कहा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved