उज्जैन। सर्द हवाओं के लगातार जारी रहने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी सामने आ रही है। कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों से राहत नहीं मिलने से लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। वहीं बुजुर्गों में हृदय रोग और सिरदर्द की समस्या कड़ाके की सर्दी के कारण सामने आ रही है। पिछले एक महीने में दो बार पारे ने गोता लगाया और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया। उत्तर की ठंडी हवाओं से इंदौर बुरी तरह शीतलहर की चपेट में आ गया, जिससे लोगों की दिनचर्या के काम तो प्रभावित हुए ही, वहीं अचानक आई इस शीतलहर से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर भी देखा गया। ठंड की थर्ड डिग्री के चलते हृदय रोग और सिरदर्द के मरीज बड़ी संख्या में सामने आए। हालांकि अब शीतलहर का असर सामान्य हो रहा है, लेकिन ठंड बरकरार है। तापमान की बात करें तो पश्चिम क्षेत्र में रात का तापमान 13.2 डिग्री, पूर्वी क्षेत्र में 9 डिग्री चल रहा है। दिन का तापमान 25 डिग्री के करीब सामान्य हो रहा है।
मौसम वैज्ञानिक रणजीत वानखेड़े ने बताया कि एक बार फिर आसमान में हलके बादल रहेंगे। एक सप्ताह बाद मौसम में बदलाव की पूरी संभावना है। उत्तरी हवाओं के कारण कड़ाके की सर्दी का एहसास जनवरी के दूसरे सप्ताह में फिर से होगा। मौसम में आ रहे इस बदलाव और तापमान में 5 से 8 डिग्री के उतार-चढ़ाव का लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर सामने आ रहा है। संक्रमण के साथ ही अचानक पारे के उतार-चढ़ाव से सिरदर्द के मरीज बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। पिछले एक महीने से लगातार सर्द हवाओं के चलते मौसम खुशनुमा बना हुआ है और इससे गेहूं, चने, आलू, मटर उत्पादक किसानों को लाभ होगा। इससे सिंचाई कम करना होगी और दाने में चमक बेहतर रहेगी। इसका एक लाभ बिजली कंपनी को भी होगा, क्योंकि सिंचाई के लिए मोटर पंप कम चलेंगे तो बिजली की डिमांड भी कम रहेगी। अब किसानों को फसल तैयार होने के लिए एक महीना और शीतलहर का इंतजार है। हालांकि लगातार पारे में उतार-चढ़ाव रहने से तापमान एक समान रहने की संभावना कम है।
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