डेस्क: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की विधानसभा (Assembly) के बाहर मौन व्रत (Vow of Silence) रखते हुए निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार (Kamaleshwar Dodiyar) ने बुधवार को सरकार (Goverment) के खिलाफ धरना दे दिया. निर्दलीय विधायक का आरोप था कि विधानसभा में उन्हें स्थगन प्रस्ताव बोलने नहीं दिया जा रहा है. जब भी बोलने के लिए खड़े होते हैं, उनका माइक बंद (Mike Off) कर दिया जाता है. इस धरना प्रदर्शन के बाद कांग्रेस (Congress) के कई विधायक कमलेश्वर डोडियार के पास पहुंचे और उनके मौन व्रत को लेकर समर्थन दिया.
पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह तक लिखा कि जब विधायक को ही बोलने नहीं दिया जा रहा है तो फिर आम लोगों की समस्या कैसे सामने आ सकेगी? विधायक कमलेश्वर डोडियार दिन भर सुर्खियों में रहे. इसके बाद सीएम डॉ. मोहन यादव की सरकार के मंत्री विश्वास सारंग में उनसे संपर्क किया. कमलेश्वर डोडियार को विश्वास सारंग विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास ले गए, जहां उन्होंने अपना मौन व्रत तोड़ दिया.
निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार ने अपना मौन व्रत तोड़ने के बाद कहा कि उनकी विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि उन्हें सदन में बोलने का पूरा मौका दिया जाएगा. विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि जिस डॉक्टर के खिलाफ वह कार्रवाई चाहते हैं उनके खिलाफ सरकार को पत्र भी लिखा जाएगा, ताकि नियम अनुसार कार्रवाई हो सके.
निर्दलीय विधायक डोडियार रतलाम के चिकित्सक सीपीएस राठौर के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि डॉक्टर ने उन्हें अपमानित करते हुए अभद्र भाषा से संबोधित किया, जिससे समस्त आदिवासी समाज का अपमान हुआ है. वे डॉक्टर के खिलाफ पूर्व में एफआईआर भी दर्ज कर चुके हैं.
निर्दलीय विधायक पिछले दिनों रतलाम के जिला अस्पताल किसी के हाल-चाल जानने के लिए पहुंचे थे. वहां पर उनकी मुलाकात डाक्टर सीपीएस राठौर से हुई. डॉक्टर राठौर ने उनसे अस्पताल जानने का कारण पूछा. इस दौरान दोनों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई. डॉक्टर और विधायक की ओर से स्टेशन रोड रतलाम थाने में एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मामले में विधायक की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. अब विधायक डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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