इंदौर। बाघों की गणना को लेकर पूरे प्रदेश में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मध्यप्रदेश में पहली बार गणना में वन विभाग के अलावा जागरूक लोगों की सहभागिता करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शर्त रहेगी कि जो व्यक्ति गणना करने वाली टीम में शामिल होगा, उसे 10 किलोमीटर पैदल चलना अनिवार्य रहेगा। इसके अलावा भी 11 महत्वपूर्ण शर्तों को पूरा करने के बाद ही वह टीम की कसौटी पर खरा उतर सकेगा।
वन मंडल भोपाल द्वारा इंदौर सहित पूरे प्रदेश में बाघों की गणना करने के लिए ऐसे होनहार लोगों से आवेदन बुलाए गए हैं। आवेदन करने वालों को जिन 12 शर्तों का पालन होगा, उनमें प्रमुख रूप से वन्यजीवों की गणना के दौरान किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करना, वन क्षेत्र में कैमरा और वीडियोग्राफी नहीं करना, बगैर अनुमति के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना, किसी प्रकार का हथियार लेकर नहीं जाना, गणना के दौरान वन क्षेत्र में सिगरेट, मदिरा का सेवन नहीं करना, पटाखा, माचिस या लाइटर का प्रयोग नहीं करना, हेडफोन, ईयरफोन व मोबाइल आदि का उपयोग करना भी प्रतिबंधित है। पेड़-पौधे, घास, पत्थर, वन्यप्राणी के अवशेषों सहित अन्य वनस्पति से छेड़छाड़ भी नहीं करना होगी। गणना के दौरान 6 दिनों तक वन विभाग के जंगलों में लगाए गए कैंप में ही रहना अनिवार्य रहेगा। इसके अलावा वन विभाग के कर्मचारियों की अनुमति के बाद ही कोई बाहर जा सकता है। सीसीएफ हरिशंकर मोहंता ने बताया कि इंदौर सहित धार, झाबुआ एवं आलीराजपुर में भी ऐसे लोगों से आवेदन बुलाए गए हैं, जो गणना कार्य के लिए इच्छुक हों।
पिछली गणना में मध्यप्रदेश में मिल चुके हैं 526 बाघ
वन विभाग द्वारा हर 4 साल में बाघों की गणना की जाती है। इसके लिए वन विभाग की टीम एक साथ जाती है। वर्ष 2018 में गणना की गई थी, जिसमें वन विभाग के हजारों अधिकारी-कर्मचारियों ने एक साथ जंगलों में जाकर तीन से चार दिनों तक गिनती की थी। पिछले वर्ष की गणना में पूरे मध्यप्रदेश में 526 बाघ मिले थे।
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