नई दिल्ली। देश की आबादी(country’s population) में अविवाहित युवाओं का अनुपात तेजी से बढ़ रहा है। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2011 में देश की कुल युवा आबादी में से अविवाहित युवा (single young) 17.2 फीसदी थे, जो 2019 में बढ़कर 23 फीसदी हो गए हैं। इसके अलावा युवाओ की शादी की औसत उम्र में भी बढ़ोतरी हुई है। शादी की औसत उम्र 2005-06 में 17.4 वर्ष थी, जो 2019-21 के दौरान बढ़कर 19.7 वर्ष हो गई है। राष्ट्रीय युवा नीति, 2014 के मुताबिक 15-29 वर्ष के लोगों को युवा माना गया है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की सर्वे रिपोर्ट (survey report) के मुताबिक, कभी विवाह नहीं करने वाले युवा पुरुषों की तादाद 2011 के 20.8 फीसदी से बढ़कर 26.1 फीसदी हो गई है। इसी श्रेणी में महिलाओं की तादाद भी 2011 में 13.5 फीसदी थी, जो 2019 में बढ़कर 19.9 हो गई है। हालांकि, रिपोर्ट में अविवाहित युवाओं के अनुपात में वृद्धि का कोई कारण नहीं बताया गया है, लेकिन कहा गया है भारत में कम उम्र में विवाह की परिपाटी में तेजी से गिरावट आई है।
52.8 फीसदी महिलाओं की शादी 20 की उम्र मेंं
शादी की उम्र को लेकर रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में इस मोर्चे पर बड़ा बदलाव हुआ है। 2019-2021 के दौरान 25-29 वर्ष आयु वर्ग की 52.8 फीसदी महिलाओं की शादी 20 साल की उम्र में हुई है, जबकि 2005-06 में यह संख्या 72.4 फीसदी थी। 2019-21 के दौरान देश के 25-29 वर्ष के 42.9 फीसदी पुरुषों ने 25 की उम्र में विवाह किया, जबकि महिलाओं में यह तदाद करीब 83 फीसदी रही।
शिक्षा के अनुपात के साथ बढ़ी महिलाओं की शादी की औसत उम्र
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की शादी की उम्र उनकी शिक्षा के अनुपात मे बढ़ती हुई दर्ज की गई। 2019-21 के दौरान 25-29 वर्ष की जिन महिलाओं ने 12 वर्ष या इससे ज्यादा वक्त शिक्षा हासिल करने में बिताए उनके विवाह की औसत उम्र स्कूली शिक्षा हासिल नहीं कर पाई महिलाओं की तुलना में 5.5 वर्ष ज्यादा रही। इसमें अच्छी बात यह है कि स्कूली शिक्षा पूरी नहीं करने वाली महिलओं की शादी की औसत उम्र में 2 वर्ष व प्राथमिक शिक्षा भी पूरी नहीं करने वाली महिलाओं की शादी की उम्र में 1.2 वर्ष की बढ़ोतरी हुई है।
नाबालिग लड़कियों के विवाह में 50 फीसदी की कमी
बीते 15 वर्ष में 20-24 आयु वर्ष की ऐसी महिलाओं की तादाद करीब आधी रह गई है, जिनका विवाह 18 वर्ष से पहले हुआ हो। 2005-06 में इनकी संख्या करीब 47 फीसदी थी, जो 2019-21 में घटकर 23 फीसदी रह गई है। इसी तरह से किशोरवय लड़कियों के गर्भवती होने व मां बनने की दर में भी बड़ा अंतर आया है। 2005-06 में इनकी संख्या करीब 16 फीसदी थी, जो 2019-21 में घटकर महज 7 फीसदी रह गई है।
घटने लगेगी युवाओं की आबादी
2011-2036 भारत की जनसंख्या पर तकनीकी समूह के अनुमान के मुताबिक 2021 में भारत की कुल 136.3 करोड़ की आबादी में से करीब 27.3 फीसदी 15-29 वर्ष के युवा थे। 2036 तक जनसंख्या में युवाओं के अनुपात में गिरावट शुरू हो जाएगी। 2021 में 37.14 करोड़ युवाओं की तुलना में 2036 में युवा आबादी घटकर 34.55 करोड़ रह जाएगी।
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