नई दिल्ली। पिछले रविवार को एक ही दिन में 505,412 घरेलू हवाई यात्रियों (Domestic Air Passengers) ने उड़ान भरी। यह उपलब्धि भारतीय विमानन उद्योग (Indian Aviation Industry) के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर है। पहली बार हवाई यात्रियों की संख्या पांच लाख के पार गया है। यह आंकड़ा भारतीय विमानन उद्योग में मजबूत वृद्धि और हवाई यात्रा की बढ़ती मांग का प्रतीक है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने हवाई यातायात की उपलब्धि की घोषणा करते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत का विमानन क्षेत्र पहले से कहीं अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा है, सपनों और गंतव्यों को सहजता से जोड़ रहा है।”
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु (Ram Mohan Naidu Kinjarapu) ने एक्स पर कहा कि यह सस्ती, सहज और सुलभ हवाई यात्रा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मंत्री ने इस सफलता का श्रेय क्षेत्रीय संपर्क योजना, हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण और डिजिटल तकनीकों को अपनाने को दिया, जिससे लाखों लोगों के लिए उड़ान भरना एक वास्तविकता बन गई है।
अप्रैल 2017 में शुरू की गई उड़ान योजना का उद्देश्य कम सेवा वाले क्षेत्रों में हवाई मार्गों को बेहतर बनाना है। भारत के विमानन उद्योग में पिछले दशक में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और देश में परिचालन वाले हवाई अड्डों की संख्या तब से दोगुनी हो गई है। मंत्री ने कहा, “नागरिक उड्डयन मंत्रालय मंत्रालय, मेरे नेतृत्व में, उड़ान की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा सस्ती, निर्बाध और सभी के लिए सुलभ हो यह सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है।
नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू ने अक्तूबर की शुरुआत में कहा था कि सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत को वैश्विक विमानन केंद्र बनाना है, तब घरेलू हवाई यात्री यातायात तीन करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। भारतीय नागरिक उड्डयन में एक प्रमुख चिंता हवाई किराए में वृद्धि है। हवाई किराया एक बाजार संचालित प्रक्रिया है और इसलिए सरकार की ओर से इस पर कोई सीमा नहीं लगाई जा सकती है। टैरिफ निर्धारण को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया है और एयरलाइंस उचित टैरिफ तय करने के लिए स्वतंत्र हैं।
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