वाराणसी । काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) वाराणसी में (In Varanasi) पांच आरतियों में (In Five Aartis) शामिल होने वाले (To Attend) श्रद्धालुओं की संख्या (The Number of Devotees) दोगुनी से अधिक हो गई है (Has More than Doubled) । काशी विश्वनाथ में प्रति दिन पांच आरती की जाती है जिसमें भोर में होने वाली मंगला आरती, मध्याह्न् भोग आरती, सप्तऋषि आरती, श्रृंगार भोग और रात्रि में शयन आरती होती है।
काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि टिकट के माध्यम से सुगम दर्शन के द्वारा काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पहले दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक चारों दैनिक आरती में शामिल होने वाले भक्तों की संख्या 58,096 थी, जबकि लोकार्पण के बाद चारों आरती में शामिल होने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 1,26,510 हो गई। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में आरती में शामिल होने वाले भक्तों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
काशी विश्वनाथ धाम के अर्चक नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि श्री विश्वनाथ भगवान की आरती चारों वेदों पर आधारित है। उन्होंने बताया कि महादेव के दर्शन के साथ भक्तों को आरती का विशेष फल मिलता है। विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद सावन के महीने में जहां एक करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई वहीं धाम के लोकार्पण के बाद बाबा की आरती में शामिल होने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। प्रधान ज्योतिर्लिग काशी विश्वनाथ के दिन की शुरुआत मंगला आरती से होती है। दोपहर में भोग आरती, शाम को सप्तऋषि आरती और उसके बाद श्रृंगार भोग आरती होती है। रात्रि में महादेव के शयन के समय शयन आरती होती है, जिसमें टिकट बिक्री नहीं होती है।
लोकार्पण के पहले दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या मंगला आरती 27175, भोग आरती 10824, सप्तऋषि आरती-14655, श्रृंगार भोग आरती 5442 लोग शामिल हुए थे। कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद दिसंबर 2021 से सितंबर 2022 में मंगला आरती 74302, भोग आरती 12475,सप्तऋषि आरती 26794, श्रृंगार आरती 12939 भक्त शामिल हुए।
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