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मुठभेड़ मामले में आरोपितों की संख्या बढ़कर हुई नौ, पुलिस ने किया सभी के नामों का खुलासा

May 17, 2022

गुना। जिले के आरोन थानातंर्गत सगा बरखेड़ा (Saga Barkheda under Aaron police station) एवं सहरोक के जंगल में हुई पुलिस और शिकारियों के बीच मुठभेड़ (Encounter) मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी बनी हुई है। मुठभेड़ में अपने तीन साथियों को खो चुकी पुलिस मन में दुख और आक्रोष लिए हुए मामले से जुड़े आरोपितों के पीछे पड़ी हुई है। घटना को सोमवार को तीन रोज हो चुके है । सोमवार को पुलिस ने दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया। यह पुलिस एनकाउंटर में मारे गए दोनों शिकारियों के भाई और पिता है। इन्हे मिलाकर इस मामले में सात से बढक़र आरोपितों की संख्या नौ हो चुकी है।

पुलिस ने सोमवार को सभी नामों का खुलासा भी कर दिया है। इस पूरे मामले में अब तक पुलिस दो शिकारियों को मार चुकी है और चार को गिरफ्तार किया जा चुका है। शेष रहे पांच आरोपितों की तलाश में पुलिस जंगल में उतरी हुई है और गांव में भी आरोपितों को खोजने में लगी हुई है। बिदोरिया, भोडनी, बजरंगगढ़ के जंगलों में पुलिस की 5 अलग-अलग टीमों को सर्चिंग में लगाया गया है।

बिदोरिया गांव में सटीएफ, एसएएफ और क्यूआरएफ आरोपितों को तलाश कर रही है। दूसरी ओर शहीद हुए परिजनों के घरों में शोक का वातावरण अभी भी बरकरार है, वहीं आरोपितों के गांव बिदौरिया में सन्नाटा पसरा हुआ है। दूसरी ओर आरोपितों को राजनीतिक संरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी बना हुआ है। इसके साथ हीमामले में कई खुलासे लगातार होते जा रहे है। मसलन शिकारी शार्प शूटर थे। इसके बाद भी उनका निशाना चूका, जिससे पुलिस वाहन का चालक हाथ में गोली लगने से बच गया, वहीं आरोपी पहले भी शिकार करते रहे है, वहीं नामी बदमाश होने के साथ तस्करी में भी शामिल है।



घर में छिपा रखी थी लाश, पुलिस ने दबिश में की बरामद

मुठभेड़ के दौरान मारे गए शिकारी नौशाद के पिता और भाई को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि सूत्र बताते कि पुलिस ने दो दिन पहले ही दबिश के दौरान अन्य परिजनों सहित उन्हे उठा लिया था। गिरफ्तारी सोमवार को दर्शाई गई है। एसपी राजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि दोनों ने नौशाद की लाश को घर में छिपा रखा था। मुठभेड़ के दौरान जब पुलिस ने दबिश दी तो लाश को घर से बरामद किया गया। इसके साथ ही शहीद आरक्षक संतराम की राइफल को भी इन दोनों के कब्जे से बरामद किया गया है। गौरतलब है कि मुठभेड़ के बाद से ही आरक्षक की राइफल गायब थी। जिसे पुुलिस आरोपितों के साथ ही लगातार तलाशने में लगी हुई थी। राइफल को बीते रोज आरोपियों के गांव बिदौरिया स्थित कुए में भी तलाशा गया। इसके घंटों तक मशक्कत की गई। यहां तक की कुंए का पानी भी निकाला गया, किन्तु राइफल नहीं मिली।

जंगल और गांव में चल रही सर्चिंग

घटना में शामिल शेष फरार तीन आरोपियों को तलाशने के लिए पुलिस ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही है। जहां सगा बरखेड़ा-सहरोक के जंगलों में पुलिस टीम उतरी हुई है तो गांव बिदौरिया में भी सर्चिंग की जा रही है। सरकार की ओर से पुलिस को फ्री हैंड मिला हुआ है, वहीं महकमें में भी उच्च स्तरीय निर्देश है। पुलिस टीम को कई टुकड़ों में बांटा गया है। टीम जहां गांव में एक-एक घर की तलाशी ले रही है तो मुखबिर भी सक्रिय किए हुए है। पुलिस किसी भी ीआरोपी को बख्शने के मूड़ में नहीं है।

गांव में अभी भी तैनात है भारी पुलिस बल

घटना के बाद से ही आरोपियों के गांव बिदौरिया में भारी पुुलिस बल तैनात है। मामले में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या और दो आरोपियों की मौत के बाद से विदौरिया गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस ने यहां आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाकर उन्हे मिट्टी के ढेर में तब्दील कर दिया है। अन्य लोग भी संदिग्ध है। जिन पर पुलिस नजर रखी हुई है। गांव में सिर्फ नौशाद की भतीजी की शादी नहीं थी, बल्कि कई अन्य घरों में भी शादियां होना थी। घटना के बाद सभी को टाल दिया गया है। राह में आते-जाते लोग भी कम दिखाई देते है। लोग घरों में दुबके हुए है। गौरतलब है कि उक्त गांव में अधिकांश नट मुसलमान निवास करते है। अधिकांश लोगों के शिकार सहित अन्य अपराधों में लिप्त होना बताया जाता है।

घायल पुलिस वाहन चालक के पुत्र ने कही इलाज में लापरवाही की बात

मुठभेड़ में घायल हुए पुलिस वाहन चालक लखन गिरी के पुत्र ने अपने पिता के इलाज में लापरवाही की बात कही है। । उन्होंने यह बात फेसबुक के जरिए कही। लखन गिरी को मुठभेड़ के दौरान हाथ में गोली लगी थी। लखन को गुना जिला अस्पताल से हमीदिया हॉस्पिटल रेफर किया गया था। लखन के बेटे ने फेसबुक पर पोस्ट कर पिता के इलाज के लिए मदद मांगी है। श्याम गोस्वामी ने फेसबुक पर लिखा: मेरे पिताजी 18 साल से आरोन थाने की गाड़ी चला रहे हैं नगर सुरक्षा समिति में भी हैं थाना मोबाइल गाड़ी चला रहे लखन गिरी गोस्वामी को अरोन कांड में 2 गोली लगने के बाद गुना अस्पताल भेजा गया ।गुना में ऑपरेशन ना होने के कारण भोपाल भेजा गया। भोपाल के हमीदिया हास्पिटल इलाज में चल रहा है । प्रशासन की तरफ से कोई सहायता नहीं मिल रही है न कोई सुनवाई हो रही है। अगर मेरे पापा की उसी समय मौत हो जाती फिर प्रशासन मदद करती वो मदद हमारे किस काम की। कृपया इस पोस्ट को शेयर करें और हमारी मदद करने की कृपा करें।

विधायक जयवर्धन सिंह ने दिया मदद का भरोसा

श्याम की फेसबुक पोस्ट को राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने शेयर किया है। उन्होने भी लिखा है कि मेरी श्याम गोस्वामी से बात हुई है, पूरे परिवार को आश्वस्त करता हूं, जो भी मदद होगी जरूर करूंगा एवं जल्द पूरे परिवार से मिलूंगा एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी से भी निवेदन करता हूँ पीडि़त की मदद करे ताकि उन्हें सही इलाज मिल सके।

 

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