इंदौर। (विकाससिंह राठौर) दुनिया में कोरोना वायरस (corona virus) के नए वेरिएंट ओमिक्रान (Variant Omicron) से दहशत का माहौल है। इसे देख दुनिया के कई देश विदेशी उड़ानों पर रोक की तैयारी कर रहे हैं, वहीं ज्यादातर इन पर सख्त जांच बैठा रहे हैं, लेकिन भारत (India) में इसे लेकर लापरवाही का माहौल है। विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry)द्वारा बनाई गई गाइड लाइन (guide line) को मंत्रालय ने ही लागू करने से पहले ही बदल दिया है। पहले जहां रिस्क कंट्री के अलावा अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से पांच प्रतिशत यात्रियों की एयरपोर्ट पर जांच का नियम बनाया गया था वहीं कल रात ही मंत्रालय ने नया आदेश जारी करते हुए इस संख्या को पांच से घटाते हुए दो प्रतिशत कर दिया है। वहीं इसका खर्च जहां पहले एयरपोर्ट (Airport) अथोरिटी को उठाना था, वहीं अब इस खर्च को भी यात्रियों पर डाल दिया है।
देश में विदेशों (overseas)से आने वाले यात्रियों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले 28 नवंबर को गाइड लाइन जारी की थी। इसे 1 दिसंबर यानी आज से लागू किया जाना था। इसमें यूके सहित यूरोपिय देशों सहित 11 अन्य देशों को रिक्स कंट्री की सूची में रखा था। जिनके लिए नियम बनाया गया कि यहां से आने वाले सभी यात्रियों की एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर जांच की जाएगी, जिसका खर्च यात्री को ही उठाना होगा। रिपोर्ट आने तक यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही रुकना होगा। वहीं इन देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से पांच प्रतिशत यात्रियों की एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। इसका खर्च मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन देगी। देश के सभी एयरपोर्ट पर इस गाइड लाइन के आधार पर तैयारी भी कर ली गई थी, लेकिन कल रात ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी ही गाइड लाइन को बदलते हुए नई गाइड लाइन जारी कर दी। बड़ी सी इस गाइड लाइन में पहले की अपेक्षा सिर्फ दो लाइन को बदला गया। जहां रिस्क कंट्री के अलावा अन्य देशों से आने वाले पांच प्रतिशत यात्रियों की एयरपोर्ट पर आरपीटीसीआर जांच होना थी, उसे बदलकर दो प्रतिशत कर दिया। वहीं जहां इसका खर्च मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन को उठाना था, उसे बदलकर इस खर्च को यात्रियों पर डाल दिया। नई गाइड लाइन को आज से ही देश में लागू किया गया है। एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि शासन की गाइड लाइन के मुताबिक एयरपोर्ट पर जांच की व्यवस्था की गई है।
खर्च का बोझ कम करने के लिए सतर्कता से समझौता –
विशेषज्ञों (experts) की माने तो गाइड लाइन में परिवर्तन की कोई जरुरत नहीं थी, बल्कि इस समय की स्थिति को देखते हुए तो सभी यात्रियों की जांच को जरुरी किया जाना था, लेकिन मंत्रालय ने पांच प्रतिशत के बजाए दो प्रतिशत यात्रियों की जांच के आदेश दिए हैं। इस तरह पहले तो मंत्रालय ने सरकार पर जांच के बोझ को कम किया, बाद में ज्यादा यात्रियों पर भी खर्च का बोझ ना आए यह सोचकर जांच की संख्या को भी आधे से भी कम कर दिया। इस तरह खर्च का बोझ कम करने के लिए सतर्कता से समझौता किया गया है।
आज रात दुबई से आने वाले तीन यात्रियों की होगी जांच, बन सकती है विवाद की स्थिति –
नई गाइड लागू होने के बाद आज रात 8.30 बजे एयर इंडिया की दुबई फ्लाइट इंदौर (Indore) आएगी। इसमें करीब 150 यात्री आते हैं। दो प्रतिशत के आधार पर इनमें से तीन यात्रियों की एयरपोर्ट पर ही आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। इसके लिए एयरपोर्ट प्रबंधन ने जाने वाले यात्रियों की रैपीड पीसीआर जांच करने वाली इंस्टा लैब को ही आने वाले यात्रियों की आरपीटीसीआर जांच करने की जिम्मेदारी दी है। लैब के डायरेक्टर अमोल कटारिया ने बताया कि लैब के एक्सपर्ट फ्लाइट आने पर एयर लाइंस द्वारा चिन्हित किए तीन यात्रियों का सैंपल लेकर लैब जाएंगे, जहां से एक से डेढ़ घंटे में रिपोर्ट आ जाएगी। तब तक यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही रोका जा सकता है। नेगेटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें जाने दिया जाएगा और पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा यात्रियों की आगे की जांच और जिनोम सिक्वेंसिंग की प्रक्रिया की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस दौरान तीन यात्रियों को ही चुनने पर वे यात्री इसका विरोध भी कर सकते हैं, जिससे विवाद की स्थिति भी बन सकती है।
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