लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रेलवे का नया पुल को नदी की तेज धारा बहा ले गई, जिसके बाद एक ओर से दूसरी ओर रेलवे पटरियां लटक गईं. प्रदेश के पीलीभीत जिले में अमान परिवर्तन के बाद इस रेलवे पुल का निर्माण किया गया था. दो दिन पहले इस रूट पर दो पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की स्वीकृति रेलवे बोर्ड ने दी थी. ट्रेन चलने से पहले ही पुल ध्वस्त हो गया.
पहाड़ों पर भारी बारिश के चलते अब मैदानी इलाकों में बाढ़ ने विकराल रूप लेना शुरू कर दिया है. बाढ़ से UP के पीलीभीत में हालत खराब होते जा रहे हैं. जिले के बनबसा बैराज से 4 लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद शारदा नदी किनारे गांव पानी से जल मग्न हो गए हैं. नदी के बढ़े जलस्तर से जिले में कई जगह हाइवे, सड़कें, लिंक मार्ग बह गए हैं.
शारदा नदी के बढ़े जलस्तर से जिले के गांव संडई स्थित पीलीभीत-मैनाली-लखनऊ रेलमार्ग पर बना नवनिर्मित पुल बह गया. नदी की तेज धारा पुल के स्ट्रेक्चर को बहा ले गई. रेलवे पटरियां हवा में झूल रही हैं. अब तक पीलीभीत मैलानी रेल लाइन पर कोई भी पैसेंजर ट्रेन नहीं थी. तीन साल से इस लाइन पर अमान परिवर्तन का कम चल रहा था. काम पूरा होने के बाद रेलवे बोर्ड ने दो दिन पहले इस रूट पर दो पैसेंजर ट्रेनों के चलने की स्वीकृति दी थी.
जिले में बाढ़ के हालत से लोग पलायन कर रहे हैं. शारदा नदी के पार नहरोसा, टाटरगंज समेत दर्जनों में गांव के लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे स्थानों जा रहे हैं. कई लोग घरों में पानी भरने की वजह से बाढ़ से बचने के लिए अपनी छतों पर बैठे हुए हैं. नदी किनारे गांवों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. पानी के बहाव में सड़कें, पुल, पुलिया बह जाने से कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.
जिले के अधिकांश गांवों के अलावा बाढ़ का पानी सरकारी दफ्तरों और बिजली घरों में घुस गया है. यहां कई फीट पानी बह रहा है. बिजली घरों में पानी घुसने से जिले के एक बड़े हिस्से में विद्युत आपूर्ति भी ठप्प पड़ी है. बाढ़ के हालातो से आम जनमानस की हालात खराब होने के साथ किसानो की फसलों पर संकट गहरा रहा है.
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