उज्जैन। आगामी शिक्षा सत्र 2021-22 में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जाना है। कोरोनाकाल के चलते इस वर्ष जिस प्रकार की स्थितियां रही, उसे देखते हुए यह संकेत मिल रहे हैं कि आगामी शिक्षा सत्र से यह नीति लागू नहीं हो पाएगी। ऐसा होने पर वर्ष-2025 तक पूर्व प्राथमिक शिक्षा का सार्वभौमिकरण नहीं हो पाएगा।
नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्र सरकार के यह निर्देश थे कि वर्ष-2025 तक पूर्व प्राथमिक शिक्षा नीति का सार्वभौमिकरण किया जाए। इसके तहत वर्ष 2021-22 से नवीन शिक्षा नीति को लागू किया जाना था। वर्तमान में कोरोना काल के चलते गत शिक्षा सत्र निरंक गया वहीं चालू शिक्षा सत्र भी कक्षा 1 से 8 तक के लिए निरंक ही है। पूरी संभावना है कि कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन मिले या टेस्ट के माध्यम से मूल्यांकन की औपचारिकता पूरी हो। इस स्थिति में चूंकि बच्चे स्कूलों तक पहुंचे ही नहीं, ऐसे में नवीन शिक्षा नीति को लागू करने में विभागीय स्तर पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
यह है नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदु
* आंगनवाडिय़ों को मजबूत बनाना।
* नए प्री-स्कूल खोलना।
* प्राथमिक शिक्षा के साथ लिंक करना।
* मध्यांह भोजन कार्यक्रम का विस्तार।
* भाषा/गणित-गुणवत्ता शिक्षण सामग्री पर ध्यान देना।
* नेशनल ट्यूटर कार्यक्रम और स्कूल की तैयारी।
* उपचारात्मक निर्देशात्मक सहायता कार्यक्रम लागू करना।
* शिक्षक-छात्र अनुपात 1:30 से कम होना।
* लचीला,एकीकृत पाठ्यक्रम बनाना और मूल्यांकन करना।
* देश के हर बच्चे के लिए समान और समावेशी शिक्षा।
* वंचित क्षेत्रों में विशेष शिक्षा झोन बनाना।
* भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्तावाली नई पाठ्य पुस्तकों को लागू करना।
* शहरी गरीबों पर ध्यान देना और बच्चों को स्कूलों तक पढऩे लाना।
* परिवहन एवं छात्रावास सुविधाओं का विस्तार करना।
इस संबंध में उज्जैन जिले में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रगति को लेकर जब जिला शिक्षाधिकारी रमा नाहटे से चर्चा की गई तो उन्होंने कहाकि भोपाल में गत सप्ताह बैठक हुई थी। बैठक में बताया गया कि अभी प्रदेश में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर समितियों का गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में पहले समितियों का गठन किया जाएगा। इसके बाद समितियां अपना काम प्रारंभ करेंगी। तभी जिला स्तर पर दिशा निर्देश जारी होंगे। हमे भोपाल से इस दिशा में जैसे ही निर्देश मिलेंगे, आगे का काम प्रारंभ कर देंगे। उन्होंने बताया कि आगामी शिक्षा सत्र प्रारंभ होने में अब समय कम है। ऐसे में आगामी शिक्षा सत्र वर्तमान अनुसार ही नीतियों पर चलेगा, ऐसी संभावना है।
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