नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय सहकारी नीति (New National Cooperative Policy) लगभग तैयार है और 47 सदस्यीय समिति (47 member committee) केंद्र सरकार (Central government) को मसौदा सौंपने की प्रक्रिया में है। समिति के चेयरमैन और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु (Suresh Prabhu) ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पिछले साल घोषणा की थी कि देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए जल्द ही एक समर्पित नीति तैयार की जाएगी और सुरेश प्रभु इस राष्ट्रीय स्तर की समिति का नेतृत्व करेंगे। समिति के सदस्यों में विशेषज्ञ और सहकारी क्षेत्र के प्रतिनिधि और केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रभु ने कोलकाता में मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम से इतर पीटीआई से कहा, “पॉलिसी दस्तावेज लगभग तैयार हैं और इसे सरकार को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा, “हम अब नीति जारी करने और इसके क्रियान्वयन का इंतजार कर सकते हैं।”
पूर्व वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि नई सहकारिता नीति में भारत के सामाजिक-आर्थिक आयाम को बदलने की क्षमता है, जिससे कुल जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी में काफी वृद्धि होगी। प्रभु ने कहा कि इस नीति के पीछे का विचार कानूनी और संस्थागत ढांचे की ओर से समर्थित सहकारी-आधारित आर्थिक विकास मॉडल को बढ़ावा देना है। प्रभु ने कहा, “मैं लंबे समय से सभी प्रकार की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी समितियों से जुड़ा हुआ हूं और उनकी क्षमता को जानता हूं। ऐसे तो कोई भी आर्थिक गतिविधि लोगों के जीवन में मूल्य जोड़ेगी, लेकिन सहकारी समितियां धन बनाने के साथ-साथ आय का दायरा फैलाने और उसके वितरण में भी मदद करती है।
उन्होंने कहा, “यही कारण है कि सरकार अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के बारे में सोच रही है। सहकारिता पर मौजूदा राष्ट्रीय नीति 2002 में तैयार की गई थी।” सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 8.5 लाख सहकारी समितियां हैं, जिनके सदस्यों की संख्या लगभग 29 करोड़ है। ये सहकारी समितियां कृषि प्रसंस्करण, डेयरी, मत्स्य पालन, आवास, बुनाई, ऋण और विपणन जैसी विभिन्न गतिविधियों में लगी हुई हैं। पूर्व रेल मंत्री प्रभु ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने सहकारी भंडारण बनाने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि सहकारी समितियों को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए यह एक अद्भुत विचार है। देश भर में लाखों वर्ग मीटर वेयरहाउसिंग विकसित की जा रही है।”
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