भोपाल। मध्य प्रदेश की नई शराब नीति को रविवार को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जा सकता है। इसके अलावा सरकार को 2023-24 का करीब 3 लाख करोड़ का बजट भी स्वीकृति के लिए रखा जा सकता हैं। कैबिनेट की बैठक शाम को मंत्रालय में आयोजित हो सकती हैं। बता दें मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू हो रहा हैं। प्रदेश सरकार नई शराबनीति को लेकर कोई फैसला नहीं कर पाई है। अब तक 31 जनवरी तक नई शराबनीति घोषित हो जाती थी। इसका कारण पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के वर्तमान शराबनीति का विरोध है। इसके चलते ही सरकार ने नई शराब नीति को कैबिनेट में स्वीकृति देने नहीं रखा हैं। सरकार उमा भारती की कुछ मांगों को नई शराबनीति में शामिल करने को लेकर योजना बना रही हैं। दरअसल उमा भारती की मांग खुले में आहतों को बंद करना, स्कूल-कॉलेज, धार्मिक स्थल, अस्पताल और झुग्गियों से शराब की दुकानों आधा से एक किमी दूर स्थापित करना है। इस पर सरकार काम कर रही हैं। सरकार संबंधित स्थलों से शराब दुकानों को 50 मीटर से दूर स्थापित करना का निर्णय ले सकती हैं। वहीं, आहतों को संचालित करने को लेकर कड़े निर्णय लिया जा सकता है। इसमें खुलने का समय, उनकी निगरानी समेत शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जा सकता हैं।
नई शराबनीति पर अनुशंसाएं देने कमेटी गठित
प्रदेश सरकार ने नई शराबनीति के क्रियान्वयन के लिए अनुशंसाएं प्रस्तुत करने के लिए मंत्रि परिषद का गठन किया है। इसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, वाणिज्यिक कर एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, लोग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौाधरी शामिल है। वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव समिति के सचिव होंगे।
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