भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्व की चौथी पारी के दो वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में कहा कि किसी भी व्यक्ति के किसी पद पर कार्यकाल को कितने वर्ष हो गए उससे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि ये कार्यकाल कितना सार्थक रहा। उन्होंने कई नवीन कल्याणकारी कार्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की। साथ ही दो वर्ष में विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का विवरण दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके प्रथम बार मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश में डकैतों का आतंक और असामाजिक तत्व का बोलबाला समाप्त करने की थी। पूर्व में राजनीतिक संरक्षण की वजह से असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही नहीं होती थी। आज प्रदेश में कोई बड़ा सूचीबद्ध गिरोह नहीं है। अनेक डकैतों के खातमे के बाद सिमी का नेटवर्क समाप्त करने और अन्य असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करने का कार्य किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि निर्धन व्यक्ति की जमीन पर कब्जा करने वालों और अनैतिक गतिविधियों में लिप्त तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई है। जिस बुलडोजर मामा की उन्हें पदवी दी जा रही है वह कार्य तो वर्ष 2005 से चल रहा है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति काबू में रखने पर निरंतर ध्यान दिया गया है।
कोरोना से लोगों की जिंदगी बचाईं
मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना महामारी ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई गई। टेंकर एयर फोर्स के माध्यम से भेजे गए। रेमडीसिविर जैसे जिंदगी बचाने वाले इंजेक्शन तुरंत भेज कर लाखों जिंदगियों को बचाया गया। मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को निष्प्रभावी बनाने के लिए प्रयास किए। इसमें वैक्सीन का भी बड़ा योगदान है। प्रदेश के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोरोना के कारण नहीं रहे, उन्हें 5 हजार रुपए महीना पेंशन, शिक्षा की व्यवस्था और राशन की व्यवस्था की जा रही है। रोजगार प्राप्ति तक उन्हें ये सुविधाएँ दी जाएंगी। प्रदेश में ऐसे प्रकरणों में परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्तियाँ भी दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से दिवंगत अभिभावकों के बच्चों के साथ ही शासन द्वारा अन्य बेसहारा बच्चों को भी सहारा दिया जा रहा है।
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