भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि महापुरुषों के नाम पूरे लिए जाएंगे। अब उनका अपमान प्रदेश में सहा नहीं जाएगा। इसके लिए प्राविधान किया जाएगा। महापुरुषों के नाम पर जिन शहरों के नाम है। उनका पनाम पूरा लिखा जाएगा। जैसे ग्वालियर महारानी लक्ष्मी बाई कालेज को एमएलबी कहते हैं और भोपाल में तात्याटोपे नगर को टीटी नगर कहा जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शुक्रवार को फूलबाग में आयोजित अभाविप के अधिवेशन में कही।
फूलबाग मैदान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 55वां प्रांतीय अधिवेशन का उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। वे मुरैना में कृषि मेला का शुभारंभ कर पहुंचे थे। इस अवसर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं भी एबीवीपी के प्रांत अधिवेशन में प्रांत महामंत्री बना था, वह यादगार पल था। विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में मेहमान नहीं हो सकता, मैं विद्यार्थी परिषद का ही हूं। इस दौरान सीएम शिवराज ने किस्सा सुनाते हुए कहा कि- सूर्यकांत केलकर जी का नाम सभी जानते है, वह मुझे आपातकाल के समय एक जगह ले गए। केलकर जी की डायरी में मेरा नाम था। कुछ दिन बाद जब वह गिरफ्तार हुए तो पुलिस ने डायरी में नाम होने के कारण खोजा। भोपाल में रहता था,12 वीं पड़ता था, तब दरवाजे पर खड़ी पुलिस ने कहा कि यह डेढ़ हड्डी का क्या आंदोलन चला रहा होगा, लेकिन उसी में से एक पुलिस वाले ने बहुत मारा। थाना हबीबगंज ले गए मुझे, पूछताछ भी हुई। हबीबगंज थाना वही जिसका अब हम नाम बदलने जा रहे है। मुझे रिमांड पर लिया, मजिस्ट्रेट के घर ले गए। वहां से पुलिस के दो सिपाहियों के हाथों मुझे जेल भेजने निकले। साढे 9 महीने जेल में रहा। जेल से निकलने के बाद संगठन मंत्री बना। आज मैं जो कुछ हूं विद्यार्थी परिषद की वजह से हूं। हम बहुत सौभाग्यशाली है कि हम विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता है। दर्द होता है, आजादी के बाद जिन्होंने सत्ता संभाली वह देश को सही दिशा में नहीं ले गए। भारत मां का विभाजन कर दिया।
पूरा कश्मीर हमारा होता
भारत पाकिस्तान के युद्ध को याद करते हुए कहा कि, यदि युद्ध विराम नहीं होता तो आज पूरा कश्मीर हमारा होता। राम लला हम आएंगे, मन्दिर वही बनाएंगे जब हम यह बोलते थे, तब कुछ लोग कहते थे कि तारीख नहीं बताएंगे। आज उनको जबाब मिल गया है।सीएम शिवराज ने कहा कि अब जल्द ही धार में वाग्देवी (सरस्वती) की प्रतिमा भी लगाई जाएगी। मध्यप्रदेश की धरती पर राज्य का नाम हिंदी में लिखा जाएगा, जल्दी आदेश निकाला जाएगा। हम यह भी प्रावधन करेंगे महापुरुषों का नाम पूरा बोला जाएगा। प्रदेश में अब नाम हिंदी में ही लिखे जाएंगे।
कृषि मेला खेती और किसानी के लिए महायज्ञ है
इससे पहले मुरैना किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा किसान सम्मेलन होते रहते हैं, लोग भाषण सुनते हैं और घर चले जाते हैं। लेकिन यह कृषि मेला खेती और किसानी के लिए महायज्ञ है। इससे आधुनिक तकनीक से खेती को किस तरह विकसित लाभ का धंधा किया जा सकता है वह बताने के लिए यह आयोजन है। उन्नत खेती के लिए हिंदुस्तान में जितनी भी तकनीक और मशीनें है वह इस मेले में मौजूद हैं, इनका उपयोग कैसे किया जा सकता है इसको समझाने वाले जानकारी भी यहां मौजूद है। इस मेले में हरियाणा से भैंसा आए हैं जिनकी कीमत आठ-नो करोड़ से ज्यादा बताई गई है। मैं तो सुनकर हैरान हो गया लेकिन, यह सही है। नस्ल सुधार से यह हुआ है। गाय भैस की नस्ल सुधार कर दूध उत्पादन अन्य किसान भी बढ़ा सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा चम्बल में नहर तो पहले भी थी, लेकिन उनमें पानी नहीं आता था। हमने नहर को पक्का कर अंतिम छोर तक पानी पंहुचाया। 539 करोड़ सरकार की चेंटीखेड़ा परियोजना जल्द स्वीकृत करेंगे। श्योपुर जिले में 414 करोड़ की मूजरी डैम परियोजना के अलावा अंचल की बिजरोली, निठोरा, नवलपुरा, गुडारी तालाब, बड़ौदा, पतालगढ़ आदि जगहों पर जल संरचनाओं पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस 16 परसेंट में व्याज देती थी। हम जीरो परसेंट पर कृषि लोन देते हैं, जो देश में कहीं नहीं।
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